चित्रकूट में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दिवाली के अवसर पर भव्य दीपदान किया. उन्होंने मंदाकिनी नदी के तट पर दीपदान किया और पंचवटी घाट पर राम, सीता और लक्ष्मण के चरणों में नमन करते हुए आशीर्वाद लिया. मां मंदाकिनी की आरती उतारी और बच्चों से मिले. उपहार बांटे.
चित्रकूट, जिसे धर्म नगरी कहा जाता है, यहां प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास का अधिकांश समय व्यतीत किया था. इसी क्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंदाकिनी नदी के तट पर पहुंचकर दीपदान किया है. उन्होंने पंचवटी घाट स्थित राम, सीता और लक्ष्मण के चरणों में नमन करते हुए आशीर्वाद लिया और मां मंदाकिनी की आरती की. धार्मिक मान्यता है कि लंका विजय के बाद प्रभु श्रीराम ने चित्रकूट में ही साधु-संतों और नागरिकों के साथ दीपदान किया था. उसी परंपरा को आज भी श्रद्धालु निभा रहे हैं.
इस ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता वाले अवसर पर सीएम मोहन यादव के साथ प्रदेश के कई वरिष्ठ अधिकारी और साधु-संत मौजूद रहे हैं. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड की प्रसिद्ध दिवारी नृत्य की प्रस्तुति का आनंद लिया है. मंच पर कलाकारों के लोकनृत्य को देखकर उन्होंने बुंदेलखंड की सांस्कृतिक परंपरा की सराहना की, इसके बाद मुख्यमंत्री ने बच्चों से मुलाकात की, उनके साथ आत्मीयता से हाथ मिलाया और दीपावली के उपहार वितरित किए. बच्चों के चेहरों पर मुस्कान देखकर उन्होंने कहा कि यही असली दीपावली की खुशी है. उन्होंने बच्चों के साथ फोटो भी खिंचवाए और उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं.
सीएम के कार्यक्रम में आए बच्चों ने बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने का अवसर मिलेगा. जब सीएम ने अपने हाथों से उन्हें चॉकलेट और उपहार दिए तो वे बेहद उत्साहित और खुश नजर आए. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि चित्रकूट प्रभु श्रीराम की तपोस्थली है और यह स्थान न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि मध्य प्रदेश के लिए भी आस्था का केंद्र है. दोनों राज्यों की सरकारें मिलकर चित्रकूट के विकास को नई दिशा देने के लिए कार्य कर रही हैं. आने वाले समय में चित्रकूट क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन और बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे.