Uttar Pradesh

Chitrakoot News : पहाड़- समंदर नहीं, नए साल पर श्रद्धालुओं की पहली पसंद बना चित्रकूट, जानें कारण

Last Updated:December 26, 2025, 16:01 ISTChitrakoot News : नया साल आते ही जहां लोग पहाड़ों और समंदर का रुख करते हैं, वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालु नए वर्ष की शुरुआत आस्था के साथ करने के लिए धर्मनगरी चित्रकूट पहुंच रहे हैं. प्रभु श्रीराम से जुड़ी मान्यताओं, शांत वातावरण और दर्शन-पूजन की परंपरा के कारण नववर्ष पर चित्रकूट श्रद्धालुओं की पहली पसंद बनता जा रहा है.चित्रकूट : नया साल दस्तक देने वाला है और जैसे-जैसे कैलेंडर बदलने की घड़ी नजदीक आ रही है, लोगों की तैयारियां और योजनाएं भी तेज होती जा रही हैं. कोई पहाड़ों की ठंडक में सुकून तलाश रहा है तो कोई समुद्र की लहरों के बीच जश्न मनाने का सपना देख रहा है. लेकिन इन सबके बीच बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जो नए साल की शुरुआत घूमने-फिरने से नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास के साथ करना चाहते हैं. ऐसे श्रद्धालुओं की पहली पसंद बनकर उभरती है धर्मनगरी चित्रकूट, जो सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, इतिहास और आत्मिक शांति का अनुपम संगम है.

मान्यता है कि यही वह पावन भूमि है, जहां प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास काल के करीब साढ़े ग्यारह वर्ष बिताए थे. नए साल के अवसर पर यहां पहुंचकर श्रद्धालु दर्शन-पूजन करते हैं और बीते वर्ष की गलतियों से मुक्ति तथा आने वाले वर्ष के लिए सकारात्मक शुरुआत की कामना करते हैं. यही वजह है कि हर साल 31 दिसंबर की रात से ही चित्रकूट की ओर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ने लगती है.

इन प्रमुख मंदिरों में भक्त करते हैं दर्शनचित्रकूट के पुजारी मोहित दास के अनुसार, नए साल पर श्रद्धालु सबसे पहले रामघाट में स्नान कर चित्रकूट के राजा माने जाने वाले मत गजेंद्रनाथ में जल अर्पित करते हैं. इसके बाद भक्त भगवान कामतानाथ के दर्शन कर कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा करते हैं.मान्यता है कि कामतानाथ भगवान अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इसके अलावा श्रद्धालु तोतामुखी हनुमान, गुप्त गोदावरी, हनुमान धारा और भरत मंदिर जैसे प्रमुख स्थलों पर भी दर्शन-पूजन करते हैं. कई परिवार नए साल की पहली सुबह आरती और पूजा के साथ शुरू करते हैं.

संयम और भक्ति से मनाया जाता है नया सालचित्रकूट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां नए साल का स्वागत शोर-शराबे या दिखावे से नहीं, बल्कि संयम, भक्ति और श्रद्धा के साथ किया जाता है. जहां बड़े शहरों में पार्टियों और आयोजनों की धूम रहती है, वहीं चित्रकूट में भजन-कीर्तन, आरती और परिक्रमा का आध्यात्मिक माहौल देखने को मिलता है. श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यदि नए साल की शुरुआत चित्रकूट में दर्शन-पूजन से की जाए, तो पूरा वर्ष सुख, शांति और समृद्धि से भरा रहता है.यही कारण है कि लोग अपनी परेशानियों और मनोकामनाओं को प्रभु के चरणों में अर्पित कर मानसिक शांति का अनुभव करते हैं.About the Authormritunjay baghelमीडिया क्षेत्र में पांच वर्ष से अधिक समय से सक्रिय हूं और वर्तमान में News-18 हिंदी से जुड़ा हूं. मैने पत्रकारिता की शुरुआत 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से की. इसके बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड चुनाव में ग्राउंड…और पढ़ेंLocation :Chitrakoot,Uttar PradeshFirst Published :December 26, 2025, 16:01 ISThomeuttar-pradeshपहाड़- समंदर नहीं, नए साल पर श्रद्धालुओं की पहली पसंद बना चित्रकूट, जानें कारण

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