चित्रकूट: कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा करने से पूरी हो जाती है मनोकामना?
चित्रकूट अपने पौराणिक इतिहास और आध्यात्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है. इन्हीं में से एक है कामदगिरि पर्वत जिसके बारे में मान्यता है कि इसकी परिक्रमा करने और पूजा अर्चना करने से हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है. कहा जाता है कि इस पर्वत में आज भी प्रभु श्रीराम की दिव्य शक्तियां विद्यमान हैं और जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से इसकी परिक्रमा करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं. मान्यता के अनुसार वनवास काल में प्रभु श्रीराम ने चित्रकूट में निवास किया था. जाते समय उन्होंने इस पर्वत को कामदगिरि नाम देकर वरदान दिया कि जो कोई भी यहां श्रद्धा से पूजा और परिक्रमा करेगा, उसकी सभी कामनाएं पूर्ण होंगी.
इसी आस्था के साथ अमावस्या के दिन यहां लाखों श्रद्धालुओं का विशाल मेला लगता है, जबकि सामान्य दिनों में भी हजारों लोग प्रतिदिन कामतानाथ भगवान के दर्शन करने और पर्वत की परिक्रमा करने आते हैं. कामदगिरि पर्वत की एक सबसे विशेष परंपरा है लेटकर परिक्रमा करना. भक्त बताते हैं कि जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है, तो वे अपनी मन्नत के अनुसार भगवान के प्रति कृतज्ञता जताने के लिए पूरे शरीर को भूमि से लगाकर पर्वत की परिक्रमा करते हैं. यह परिक्रमा श्रद्धा, विश्वास और आस्था का अद्भुत संगम होती है.
चित्रकूट के परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं से बात की तो कई भक्ति भरे अनुभव सामने आए हैं. बांदा जिले के एक श्रद्धालु ने बताया कि उनका बेटा जन्म से चल नहीं पाता था. उन्होंने भगवान कामतानाथ से मन्नत मांगी थी कि यदि बेटा स्वस्थ हो गया तो वे लेटी परिक्रमा जरूर करेंगे. आज उनका बेटा बिल्कुल ठीक है और परिवार पूरी श्रद्धा के साथ परिक्रमा कर रहा है. इसी तरह फतेहपुर से आई एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि उनके घर का निर्माण लंबे समय से रुक रहा था. उन्होंने चित्रकूट आकर भगवान से मन्नत मांगी कि यदि घर बन जाएगा तो वे लेटकर परिक्रमा करेंगी. अब घर पूरा हो चुका है और वे अपनी प्रतिज्ञा निभाने चित्रकूट पहुंची हैं. वहीं छतरपुर से आई एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि उन्होंने बेटे की पढ़ाई के लिए मन्नत मांगी थी, और मन्नत पूरी होने के बाद वे कामतानाथ भगवान की शरण में आई हैं.
कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा करने से पूरी हो जाती है मनोकामना, यह एक सच्ची कहानी है जो लाखों श्रद्धालुओं के जीवन में एक अद्भुत परिवर्तन ला रही है. यह पर्वत अपनी आध्यात्मिक शक्ति और श्रद्धा के साथ जुड़े हुए है, जो हर भक्त की मनोकामना पूरी करने के लिए तैयार है.

