Last Updated:July 01, 2025, 23:07 ISTChitrakoot news in hindi : बारिश के साथ पाठा इलाके के अस्पतालों में इसके मरीज लाइन लगाए नजर आ रहे हैं. सबसे ज्यादा असर ग्रामीण इलाकों में दिख रहा है. लक्षण दिखते ही तुरंत कुछ कदम उठाने जरूरी हैं. चित्रकूट. मानसून की दस्तक के साथ ही स्वास्थ्य संकट भी दस्तक देने लगा है. बारिश की पहली बूंदों के साथ ही चित्रकूट जिले के ग्रामीण इलाकों में डायरिया ने पैर फैलाना शुरू कर दिया है. अस्पतालों में पाठा क्षेत्र से लेकर शहरी सीमा तक उल्टी-दस्त से परेशान मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े डराने वाले हैं. अकेले मानिकपुर सीएचसी में हर साल गर्मियों और बारिश के मौसम में लगभग 5 हजार से अधिक केस दर्ज होते हैं. जिले भर की बात करें तो ये आंकड़ा 15 हजार से ऊपर पहुंच जाता है.
इस साल बारिश की शुरुआती फुहारों के साथ पाठा क्षेत्र में डायरिया के मरीज अस्पतालों में लाइन लगाए नजर आ रहे हैं. डायरिया का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहा है. गंदा पानी, बारिश का जमा जल और खुले में शौच जैसी समस्याएं इसकी मुख्य वजह बन रही हैं. पीड़ितों में बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है. डॉक्टरों का कहना है कि सही समय पर इलाज न मिलने की वजह से कई बार हालात गंभीर हो जाते हैं.
डॉक्टर ने बताई नस
लोकल 18 से बातचीत में सीएचसी मानिकपुर के डॉक्टर पवन ने बताया कि डायरिया का सीधा संबंध गंदे पानी और शरीर में पानी की कमी से है. बरसात में जहां एक ओर तेज धूप पड़ती है, दूसरी ओर, बारिश के कारण कुएं और तालाबों में गंदगी फैल जाती है. लोग अनजाने में उसी पानी का उपयोग कर लेते हैं, जिससे यह संक्रमण तेजी से फैलता है.
आसान हैं बचाव के तरीके
स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टरों की मानें तो डायरिया से बचाव के लिए कुछ अहम सावधानियों का ध्यान रखना जरूरी है. बरसात के समय पीने के पानी को उबालकर या फिल्टर करके ही इस्तेमाल करें. खुले में रखे या बासी खाने से परहेज करें. घर के आसपास पानी जमा न होने दें, खासकर नालियों और गड्ढों में. शरीर में पानी की कमी न होने दें. ORS का सेवन करते रहें.
डॉ. पवन के अनुसार, डायरिया की पहचान के कुछ मुख्य लक्षण हैं. बार-बार पतला दस्त आना, उल्टी होना या जी मिचलाना, कमजोरी और चक्कर आना, शरीर में पानी की कमी जैसे मुंह सूखना या पेशाब कम आना. ऐसी स्थिति में तुरंत ORS, जिंक टैबलेट का सेवन शुरू करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव-गांव जाकर इसके बचाव के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है.Location :Chitrakoot,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshबारिश के साथ इस बीमारी का तांडव शुरू, जानिए अस्पताल न पहुंचने का रास्ता