अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: मनुष्यों के पाप पुण्य का लेखा जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त की जयंती की धूम है. बाबा विश्वनाथ के शहर बनारस में उनके जयंती पर अनोखी शोभायात्रा निकाली गई. पहली बार गंगा की गोद में 60 बजड़ो पर विशाल शोभायात्रा निकाली गई. इस दौरान भगवान चित्रगुप्त की 21 फीट ऊंची प्रतिमा आकर्षण का केंद्र बनी रही.
इस अनोखे यात्रा की शुरुआत से पहले लोगों ने भगवान चित्रगुप्त की पूजा की उसके बाद उनकी भव्य आरती उतारी गई फिर शोभायात्रा का आगाज हुआ. यह शोभायात्रा गंगा के रास्ते अस्सी घाट से शुरू हुई और राजेंद्र प्रसाद घाट तक गई. अखिल भारतीय कायस्त महासभा के संरक्षक महेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि काशी में चित्रगुप्त जयंती पर हर साल शोभायात्रा निकाली जाती है. लेकिन इस बार पहली बार गंगा में इस शोभा यात्रा का आयोजन हुआ है जिसने कायस्त समाज से लोग पारंपरिक वेशभूषा में शामिल रहें. इस दौरान 70 नाव पर हजारों लोग शामिल रहें.ब्रह्मा की तपस्या से हुआ था जन्म
इस भव्य शोभायात्रा के बाद भगवान चित्रगुप्त के उद्भव और महत्व पर नाटय का मंचन भी किया गया.इसके अलावा सांस्कृतिक आयोजन भी हुए.बता दें कि भगवान चित्रगुप्त मनुष्य के कर्मो का लेखा जोखा रखते है.भविष्य पुराण में इनके जन्म की कथा का वर्णन भी है.कथाओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा म 12 वर्ष की तपस्या के बाद उनकी काया से भगवान चित्रगुप्त का जन्म हुआ था..FIRST PUBLISHED : November 15, 2023, 18:18 IST
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