Children Safety From Dengue In Winters: सर्दी आते ही बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखना पड़ता है. ऐसे मौसम में डेंगू तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है, जिसमें अधिक गिनती बच्चों की है. डेंगू बुखार एक ट्रॉपिकल डिजीज है. ये मच्छरों के काट लेने से फैलने वाले वायरस से होता है. एक हेल्थ वेबसाइट के अनुसार, डेंगू को ब्रेकबोन फीवर या हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं. बच्चों को डेंगू होने पर पूरे शरीर में चकत्ते, बदन दर्द और तेज बुखार होने लगता है. हालांकि डेंगू बुखार के अधिकांश मामले माइल्ड होते हैं, जो लगभग एक सप्ताह के अंदर अपने आप ही कम होने लगते हैं. लेकिन कुछ मामलों में ये गंभीर रूप भी ले सकता है. ऐसे में बॉडी वीकनेस और प्लेटलेट्स कम होना जैसे लक्षण हो सकते हैं.
आपको बता दें डेंगू किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है. खासकर बुजुर्ग और बच्चे आसानी से इसकी चपेट में आ सकते हैं. दरअसल, बच्चों की इम्यूनिटी वीक होती है, इसलिए डेंग उनपर अधिक अटैक करता है. बच्चों को डेंगू से बचाने के लिए सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है. खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों का विशेष ध्यान रखें.
इस तरह से रखें बच्चों का ख्याल
– घरों के खिड़की-दरवाजे शाम होते ही बंद कर लें. मच्छरों को घर में न आने दें. – बच्चे यदि बाहर जाते हैं तो उन्हें पूरे आस्तीन के कपड़े यानी फुल शर्ट, पैंट, जूते और मोजे पहनाकर भेजें. जिससे शरीर का कोई भी हिस्सा खुला न रहे. इसपर मच्छर काटेंगे नहीं.– रात में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.– बच्चों को सोते समय इंसेक्ट रिपेलेंट लगाएं. डीईईटी या नींबू और नीलगिरी का तेल भी लगा सकते हैं.– अगर बच्चे खेलना या घूमना चाहते हैं तो उन्हें दोपहर के समय बाहर भेजें, क्योंकि सुबह और शाम के समय मच्छर ज्यादा एक्टिव होते हैं.– मच्छरों को पनपने के लिए जगह न दें. डेंगू मच्छर पानी में अपने अंडे देते हैं. इसलिए घर में रखे किसी भी खाली कंटेनर में पानी जमा न होने दें.– घर में यदि पेट्स हैं तो उसकी साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें.– बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए न्यूट्रीशियस डाइट दें.– बच्चे को योग और एक्सरसाइज कराएं.
ध्यान रहे डेंगू कोई ऐसी बीमारी नहीं जिसका इलाज न हो सके. समय रहते अगर मरीज का उपचार किया जाए तो डेंगू से छुटकारा पाया जा सकता है. बच्चों में डेंगू का कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
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