एक महिला ने कहा, “हमने पहले ही नावागढ़ तहसीलदार और थाना प्रभारी को लिखित शिकायतें दी थीं, लेकिन उन्होंने इसे प्राप्त नहीं किया और हमें सरपंच के आदेशों का पालन करने के लिए कहा।” परिवार ने आरोप लगाया कि महाजन मनहर उन पर पंचायत चुनावों में समर्थन नहीं देने के कारण गहरे गुस्से में हैं और उन्हें कथित तौर पर मतदान नहीं करने के लिए भारी परिणामों की चेतावनी दी गई थी। परिवार ने कहा कि उनके बच्चे स्कूल में मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएमएस) के तहत भोजन नहीं पा रहे हैं और गांव के अन्य बच्चों के साथ खेलने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
बेमेतरा जिलाधीश रणवीर शर्मा ने कहा, “ग्राम सभा को अपने अधिकार क्षेत्र में अवैध कब्जे को हटाने के लिए कानून के अनुसार कार्रवाई करने का अधिकार है।” जिलाधीश ने कहा, “मैं इस घटना से अनजान हूं, लेकिन यदि प्रभावित परिवार को समाज में बहिष्कृत किया जाता है और उन्हें अधिकृत सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं से वंचित नहीं किया जाता है, तो हम कार्रवाई करेंगे।”
वकील जे पी शुक्ला, पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा, “परिवार के सदस्यों को उनके घर से बिना किसी कारण के हटा दिया गया है। सरपंच केवल कब्जे के मुद्दे पर संदर्भ दे सकता है, लेकिन अवैध कब्जे को हटाने की कार्रवाई केवल तहसीलदार के पास है। यह दिखाता है कि वेंगफुल सरपंच ने स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर परिवार के घर को नष्ट कर दिया है और परिवार को बहिष्कृत कर दिया है।”