चत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे इस पहल के बारे में जागरूकता फैलाएं और दूसरों को भी इसमें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें, जिससे राज्य की प्रगति को स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों की ओर मजबूती से बढ़ाया जा सके। इसे एक गर्व की बात कहकर उन्होंने कहा कि चत्तीसगढ़ के लोग बढ़ती हुई मात्रा में इस योजना के महत्व को समझ रहे हैं और स्वच्छ ऊर्जा को अपना रहे हैं।
अब राज्य के लोग केंद्र और राज्य सरकारों के सब्सिडी के अलावा बैंकों द्वारा प्रदान किए जाने वाले आसान वित्तीय समर्थन के साथ-साथ केंद्रीय और राज्य सरकारों के सब्सिडी का लाभ भी उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पीएम कुसुम योजना उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा पैदा करने, बिजली बेचने और एक साथ सस्ती ऊर्जा का लाभ उठाने की अनुमति दे रही हैं।
चत्तीसगढ़ के गठन के समय वर्ष 2000 में, राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता केवल 1400 मेगावाट थी और अब राज्य 30000 मेगावाट बिजली उत्पादन करता है और पड़ोसी राज्यों को भी बिजली प्रदान करता है। सीएम साई ने सूर्य रथ के शुभारंभ के दौरान एक कार्यक्रम में दोहराया कि ऊर्जा क्षेत्र में समझौतों की राशि 3.50 लाख करोड़ रुपये है, और राज्य की उत्पादन क्षमता आगे भी बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के तहत, मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि चत्तीसगढ़ देश में बिजली उत्पादन में संख्या एक राज्य बन जाएगा।

