Chhangur Baba Live: यूपी के रामपुर में अवैध धर्मांतरण का रैकेट चलाने वाले छांगुर बाबा के राज धीरे-धीरे उजागर होते जा रहे हैं. साथ ही उसकी मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं. एक तरफ जहां छांगुर बाबा के एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ यूपी एटीएस ने उसके भतीजे सोहराब को भी गिरफ्तार कर लिया है. छांगुर की गिरफ्तारी के बाद से यूपी एटीएस सोहराब की तलाश में जुटी हुई थी. छांगुर पर एक के बाद एक नए खुलासे सामने आ रहे हैं. यहां पढ़ें पल-पल के अपडेट…
छांगुर सिंडिकेट की अंतरराष्ट्रीय फंडिंग का पर्दाफाशजमालुद्दीन उर्फ छांगुर के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पनामा रिपब्लिक, स्विट्ज़रलैंड, यूएई और साउथ अफ्रीका से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिससे छांगुर के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क और मनी लॉन्ड्रिंग सिंडिकेट का खुलासा हुआ है. पनामा में रजिस्टर्ड “लोगोस मरीन” कंपनी के दस्तावेज, नवीन रोहरा के नाम जारी पावर ऑफ अटॉर्नी, बैंक ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड और स्विस बैंक से जुड़ा हबीब बैंक का स्टेटमेंट ईडी को मिले हैं. बलरामपुर में बनने वाले मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल और धर्मांतरण से जुड़े दस्तावेजों ने मामले को और गंभीर बना दिया है. ईडी अब इस गहरे नेटवर्क की कड़ियों को जोड़ने में जुटी है.
छांगुर गैंग का नेटवर्क देहरादून तक फैला! यूपी एटीएस की जांच में बड़ा खुलासाउत्तराखंड से छांगुर गैंग को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है. देहरादून में यूपी एटीएस की जांच के बाद पुलिस को धर्मांतरण सिंडिकेट का कनेक्शन मिला है. सहसपुर इलाके से गिरफ्तार अब्दुल रहमान, जो पहले हिंदू था और बाद में धर्म बदलकर मुस्लिम बन गया, उसी ने देहरादून में शादी की थी. अब्दुल के सोशल मीडिया नेटवर्क और गतिविधियों को जब उत्तराखंड एसटीएफ की टेक्निकल टीम ने मॉनिटर किया, तो एक इंस्टाग्राम आईडी के जरिए रानीपोखरी की एक युवती तक पहुंच बनी. पूछताछ में पता चला कि युवती को धर्मांतरण के लिए मानसिक दबाव में लाया जा रहा था. युवती के परिजनों की शिकायत पर रानीपोखरी थाना क्षेत्र में पुलिस ने धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत 5 अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं. छांगुर गैंग की मॉडस ऑपरेंडी अब उत्तराखंड में भी सामने आने से हड़कंप मच गया है.
छांगुर की एक और प्रॉपर्टी को किया सीजबलरामपुर में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर की एक प्रॉपर्टी बाबा ताजुद्दीन आसवी बुटीक को ईडी ने सीज कर दिया है. ईडी ने चस्पा की गई सीजर नोटिस में 12 अभिलेखों का भी जिक्र किया है, जिसे ईडी ने सीज किया है. उनमें छांगुर और नासिर वाडीलाल के बीच MoU का अभिलेख, नवीन रोहरा और नीतू रोहरा द्वारा इस्लाम धर्म स्वीकार करने का घोषणापत्र, एफीडेविट और प्रमाण पत्र शामिल हैं. इसके अलावा, पनामा रिपब्लिक में रजिस्टर्ड साउथ अफ्रीका की कम्पनी लोगोस मैरिन के उन अभिलेखों को भी सीज किया गया है जो नवीन रोहरा के पक्ष में जारी किए गए थे.
इसके अतिरिक्त नीतू रोहरा और एजी कंस्ट्रक्शन के बीच हुए समझौते और लीगल डिस्प्यूट के प्रपत्रों को भी ईडी ने सीज किया है. इस तरह कुल 12 महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बाबा ताजुद्दीन आसवी बुटीक में ईडी सीज कर चुकी है. 17 जुलाई को इस बुटीक में ईडी के अधिकारियों ने छापेमारी की थी और आज इस पर सीजर नोटिस चस्पा कर दिया. 17 जुलाई को ईडी की टीम ने उतरौला क्षेत्र में 12 स्थानों पर छापामार कार्रवाई की थी, जिसमें छांगुर बाबा की कोठी समेत उसके कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान और सहयोगियों के यहां छापेमारी की गई थी. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लांड्रिंग केस में बाबा ताजुद्दीन आसवी बुटीक के लिए सर्च वारंट और सीजर नोटिस जारी किया गया था. इसी के क्रम में ईडी ने आज बुटीक को सीज करते हुए इस पर नोटिस चस्पा कर दी है.
छांगुर को इस्लाम से किया जाए बाहर: संत
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन के खिलाफ फतवा जारी किए जाने के फैसले का अयोध्या के संतों ने समर्थन किया. हनुमानगढ़ी के संत डॉ. देवेशाचार्य जी महाराज ने कहा कि मौलाना शहाबुद्दीन ने जो भी कहा वह बहुत सही है और इसकी समाज को आवश्यकता है. उन्होंने आगे कहा कि छांगुर बाबा के खिलाफ फतवा जारी किया जाना खुद में सराहनीय है. हर मुसलमान को छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन का साथ नहीं देना चाहिए. बल्कि ऐसे लोगों को इस्लाम से बाहर कर देना चाहिए. इस्लाम इस बात की इजाजत नहीं देता कि किसी को प्रताड़ित करके जबरदस्ती करके धर्मांतरण कराया जाए. भारत सरकार को छांगुर बाबा पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
नागपुर में छापेमारी जारी
छांगुर अवैध धर्मांतरण मामले में नागपुर में एटीएस ने छापेमारी की. एफआईआर में नामज़द ईदुल इस्लाम की तलाश में छापेमारी की जा रही है. ख़ुद को भारत प्रतीकार्थ सेवा संघ नामक संस्था का राष्ट्रीय महासचिव बताता है ईदुल इस्लाम. इसने छांगुर बाबा को अपनी संस्था का पदाधिकारी बनाया था. पदाधिकारी बनाने के नाम पर लेनदेन के सबूत मिले हैं.
आतंकी ट्रेनिंग कैंप चला रहा था छांगुर
यूपी में धर्मांतरण का नेटवर्क चलाने वाले छांगुर बाबा पर एक्शन लगातार जारी है. इस बीच छांगुर बाबा पर अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है. छांगुर आतंकी ट्रेनिंग कैंप चला रहा था. इसके लिए वह एक बड़ी इमारत का इस्तेमाल कर रहा था.
छांगुर बाबा पर क्या बोले मौलाना बरेलवी?
छांगुर उर्फ जलालुद्दीन के खिलाफ मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन राजवीर बरेलवी ने फतवा जारी किया. उन्होंने कहा कि छांगुर उर्फ जलालुद्दीन ने इस्लाम के उसूलों के खिलाफ काम किया है. इस्लाम में जोर जबरदस्ती और लालच नहीं है. छांगुर इस्लाम की नजर में मुजरिम और गुनहगार है. लालच देकर किसी भी गैर मुस्लिम का धर्मांतरण करवाना गुनाह है. मौलाना ने आम आवाम से अपील करते हुए छांगुर का सामाजिक बहिष्कार करने की बात कही.
बिचौलिए का काम कर रहा था रशीद
छांगुर के अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट में बिचौलिए का काम रशीद कर रहा था. धर्मांतरण के लिए शिकार फंसाने पर रशीद को कमीशन मिलता था. इतना ही नहीं, एक बार धर्मांतरण के आरोप में ही जेल गया था. कुछ महीने पहले ही जमानत पर जेल से बाहर आया. अब जल्द ही एटीएस रशीद को कस्टडी रिमांड में लेगी. धन के लेनदेन, विदेशी संपर्कों और स्थानीय राजनीतिक, प्रशासनिक संरक्षण पर पूछताछ होगी.
कभी था भिखारी, आज है अरबपति
जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के कारनामे से लोग हैरान हैं, कभी भीख मांगने वाला, पाई-पाई के लिए मोहताज जमालुद्दीन अरबों की संपत्ति का मालिक बन बैठा. कैसे? जमालुद्दीन ने ज्यादा कुछ नहीं किया, उसने बस धर्म को एक स्टार्टअप बना डाला, जिसमें निवेश दुबई, सऊदी, तुर्की और पाकिस्तान से आया. छांगुर का बिजनेस मॉडल इतना जबरदस्त था कि हर जाति के लिए अलग-अलग रेट लिस्ट थी. धर्मांतरण का धंधा करने के लिए वो कोडवर्ड्स में बात करता था. अब जब उसके काले कारनामे सबके सामने आ गए हैं, तो दावा करता है कि मैं निर्दोष हूं, मुझे कुछ नहीं पता. लेकिन सवाल है कि उससे जुड़े 40 बैंक खातों में 100 करोड़ से ज्यादा रकम कैसे और क्यों आई?