Last Updated:June 28, 2025, 23:31 ISTLakhimpur kheri news in hindi : कम लागत में ज्यादा फायदा मक्के की खेती का सबसे बड़ा आकर्षण है. मक्का ₹20 से ₹30 प्रति किलो के हिसाब से बिकता है. हमेशा मांग रहती है. किसानों को और क्या चाहिए?लखीमपुर खीरी. गन्ना बेल्ट माना जाने वाला यूपी का लखीमपुर खीरी जिला नई करवट ले रहा है. यहां के किसान अब मक्के की खेती पर शिफ्ट कर रहे हैं. इससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा होता है. कम लागत में अधिक मुनाफा मक्के की खेती का सबसे बड़ा आकर्षण है. बाजारों में मक्का ₹20 से लेकर ₹30 प्रति किलो के हिसाब से बिकता है. यहां मक्के की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक नकदी फसल के रूप में उभर रही है. कई किसान पारंपरिक खेती के साथ नकदी फसलों की ओर भी रुख कर रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि हो रही है.तराई क्षेत्र में किसान बड़े पैमाने पर मक्के की खेती करने लगे हैं. किसान जगतार सिंह बताते हैं कि हमने इस समय 6 एकड़ में मक्का लगाया है. फसल तैयार हो चुकी है. किसान जगतार सिंह के अनुसार, 1 एकड़ में 40 से 50 कुंटल मक्के की पैदावार हो जाती है. बाजार में इस समय मक्का ₹2000 से लेकर ₹3000 प्रति कुंतल के हिसाब से बिक रहा है.
किसानों ने क्यों पकड़ी दूसरी राह?
खीरी जिले को चीनी का कटोरा कहा जाता है. यहां के 80% किसान गन्ने की खेती पर निर्भर हैं. चीनी मिल की ओर से समय से गन्ना का भुगतान न मिलने के कारण किसान परेशान रहते हैं. ऐसे में किसान धीरे-धीरे गन्ने की खेती पर निर्भरता कम कर रहे हैं. किसान जगतार सिंह ने बताया कि बजाज चीनी मिल पलिया की ओर से समय से गन्ने का भुगतान न होने के कारण हम खुद मक्का उगाने लगे हैं. मक्के की बिक्री के तुरंत बाद हमें नकद पैसा मिल जाता है. तराई में चीनी मिल से एक-एक साल तक गन्ने का भुगतान नहीं हो पता है. इस कारण किसान मक्के की खेती को अपनाने लगे हैं.
एक बीघे में कितना खर्च
एक बीघे मक्के की खेती की लागत 5 से 6 हजार रुपये आती है. इसकी खेती करना भी बहुत ही आसान है. पहले खेत की दो बार जुताई की जाती है, फिर गोबर और वर्मी कंपोस्ट खाद का छिड़काव कर मक्के के बीज बोए जाते हैं. जब पौधा निकल आता है, तो उसकी सिंचाई की जाती है. बुवाई के 80 से 85 दिनों बाद फसल तैयार हो जाती है, जिसे बाजार में बेचा जा सकता है.Location :Lakhimpur,Kheri,Uttar Pradeshhomeagricultureचीनी के कटोरे में मक्के की सेंध, इस ट्रिक से किसान उगा रहे गन्ने जितना मक्का