अयोध्या: रामनगरी में मणिपर्वत पर झूलनोत्सव के साथ ही अयोध्या में प्रसिद्ध सावन झूला मेला का आगाज हो गया है. इसी के साथ रामनगरी के मठ-मंदिरों में झूले पड़ गए हैं. अब एक पखवाड़े तक अयोध्या में झूलनोत्सव का आनंद दिखाई देगा. हालांकि राम मंदिर में 9 अगस्त यानि नाग पंचमी से झूलनोत्सव की शुरुआत होगी. इस अवसर पर रामलला समेत चारो भाइयों की मूर्ति रजत हिंडोली पर विराजमान कराया जाएगा. इसके बाद प्रतिदिन सांस्कृतिक संध्या सजाई जाएगी. इस मौके पर भगवान को कजरी गीत सुनाया जाएगा. साधु-संत मठ-मंदिरों में सियाराम को रजत हिंडोले पर विराजमान कर उनको झूला झुलायेंगे.गौरतलब है कि प्रभु राम की नगरी अयोध्या के सैकड़ों मंदिरों में झूलनोत्सव का आगाज सावन शुक्ल तृतीया को हो गया था. जबकि राम मंदिर में पंचमी तिथि यानि 9 अगस्त से झूलन महोत्सव की धूम शुरू होगी. रामलला के दरबार में भी सावन शुक्ल पंचमी तिथि से झूलन महोत्सव की धूम होगी. इसकी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं. रामलला समेत चारों भाईयों की उत्सव मूर्ति को रजत हिंडोले पर विराजमान कर रोजाना सांस्कृतिक संध्या सजाई जाएगी.झूलनोत्सव की अलग-अलग परंपराअयोध्या के मंदिरों में झूलनोत्सव की अलग-अलग परंपरा है. रामलला के दरबार में झूलनोत्सव पंचमी तिथि से शुरू होता है जबकि रंग महल मंदिर में सावन मेला लगते ही भगवान झूले पर विराजमान होते हैं . इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. पूरी नगरी सावन के कजरी गीतों से गुलजार रहती है लाखों की संख्या में भक्त भी पहुंचते हैं और भक्त भक्ति की इस भावना को देखकर अभीभूत भी होते हैं.21 किलो का झूला तैयारराम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला समेत चारों भाईयों की उत्सव मूर्ति को रजत हिंडोले पर विराजमान कर झूलनोत्सव मनाया जाएगा. रामलला के लिए 2022 में ही 21 किलो चांदी से झूला तैयार कराया गया था. हर रोज शाम 6 से 7 बजे तक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा.FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 21:20 IST
Going to bed past this hour can trigger disrupted sleep, experts say
NEWYou can now listen to Fox News articles! Getting to bed at a certain time could help ensure…

