रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल
वाराणसी. कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस बार साल का अंतिम चन्द्र ग्रहण (Chandra Grahan) लग रहा है. 8 नवम्बर को लगने वाले चंद्र ग्रहण के कारण इस बार देव दीपावली (Dev Deepawali) भी एक दिन पहले मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, किसी भी ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है. वहीं, जिस जगह ग्रहण लगता है उसका असर होता है. इसके अलावा वहां के जीव जंतुओं पर चन्द्र ग्रहण का सीधा असर पड़ता है.यही वजह है कि ग्रहण के दौरान कई कामों की मनाही होती है.
काशी के ज्योतिषाचार्य और काशिका ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के निदेशक आचार्य धीरेंद्र मनीषी ने बताया कि चंद्र ग्रहण के 8 घण्टे पहले सूतक काल की शुरुआत हो जाती है. 8 नवम्बर मंगलवार को शाम 5 बजकर 10 मिनट पर लगने वाले ग्रहण के आठ घण्टे पहले यानी सुबह 8 बजे से सूतक काल लग जाएगा. आचार्य धीरेंद्र मनीषी ने कई काम न करने की सलाह भी दी है.
भूलकर भी न करें ये काम>>सूतक काल में लोगों को भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए.इसके अलावा उसे पकाने से भी लोगों को बचना चाहिए.बच्चे,वृद्ध और बीमार लोगों पर ये नियम लागू नहीं होता है.>>इसके अलावा सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को सब्जी नहीं काटनी चाहिए साथ ही साथ कपड़े की कटाई और सिलाई से भी महिलाओं को पहरेज करना चाहिए.>>इसके अलावा भोजन,जल और किसी भी खाद्य प्रदार्थ में कुश और तुलसी डालकर ही उसे रखना चाहिए.ग्रहण काल के समाप्त होने के बाद उन सभी खाद्य पदार्थों से तुलसी का पत्ता और कुश निकाल कर ही उसका सेवन करना चाहिए.>>सूतक काल में लोगों को सोना भी नहीं चाहिए इससे ग्रहण का कुप्रभाव उन पर पड़ता है.>>इसके अलावा सूतक और ग्रहण काल के वक्त मंत्र का जाप करना भी बेहद फलदायी होता है. इससे ग्रहण का कुप्रभाव कम होता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Chandra Grahan, Lunar eclipse, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : November 04, 2022, 17:55 IST
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