सेंट्रल ब्यूरो ऑफ हेल्थ इन्वेस्टिगेशन के मुताबिक भारत में सांप के काटने के केवल 3 लाख मामले और 2000 मौतें ही आधिकारिक तौर पर दर्ज हो पाती है. जबकि असल में देश में हर साल सांप के काटने के 30-40 लाख मामले सामने आते हैं जिनमें से 50,000 से ज्यादा लोगों की मौत शामिल है.
जिनकी जान बच भी जाती है उनमें से ज्यादातर को लकवा, हेमरेज हो जाता है, या फिर उनके शरीर के किसी अंग को जहर फैलने की वजह से काटना पड़ जाता है. वहीं, गर्भवती महिलाओं में गर्भपात हो जाता है. ऐसे में इस समस्या के हल के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक नेशनल हेल्पलाइन नंबर 15400 जारी किया है. जिसके जरिए मरीज को सही जानकारी और सही मदद देने की कोशिश की जाएगी.
इन राज्यों में सबसे ज्यादा काटते हैं सांप 
भारत में सांप के काटने के सबसे ज्यादा मामले बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और गुजरात में होते हैं. इन राज्यों में सांप के काटने की वजह से हुई मौत पर मुआवजा देते हैं. यह राशि ₹20000 से लेकर ₹400000 तक है. बता दें कि सांप का काटना एक मेडिको लीगल केस है और डॉक्टर को इस मामले को पुलिस को बताना जरूरी होता है.
ऐसे पहचानें स्नैक बाइट
जहां सांप ने काटा होगा, वहां घाव जैसा एक पंचर बन जाएगा 
सूजन लाली और थोड़े बहुत खून निकलने के निशान भी हो सकते हैं 
कुछ मामलों में छाले भी पड़ जाते हैं
सांस लेने में दिक्कत हो सकती है
उल्टी आ सकती है 
हार्ट रेट बढ़ सकता है 
नब्ज कमजोर हो सकती है 
ब्लड प्रेशर घट जाता है
कुछ लोगों को जबान पर रबड़ या मेटल जैसा स्वाद आने लगता है
बहुत पसीना आता है और लार निकलती है
सांप के काटने पर तुरंत करें ये काम
पीड़ित को शांत रखने की कोशिश करें
घाव वाले अंग को स्थिर रखें
घाव वाली जगह पर कोई टाइट चीजें पहनी हो तो उसे उतार दें
पीड़ित को बाई करवट में लेटाएं, दाहिना पैर मुड़ा हुआ हो और हाथ से चेहरे को सहारा दें
तुरंत पास के अस्पताल में पीड़ित का इलाज करवाएं
सांप के काटने से परेशान है पूरी दुनिया
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में हर साल तकरीबन 54 लाख लोग सांप के काटने के शिकार होते हैं जिनमें से तकरीबन सवा लाख लोगों को बचाना मुश्किल हो जाता है और इसके तीन गुना लोग किसी न किसी तरह का अंग गंवा बैठते हैं क्योंकि सांप के जहर से बचने के लिए उनके अंग को काटना पड़ जाता है.



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