CBI busts cyber fraud network files case against 39 SIM dealers including 9 from uttar pradesh: लखनऊ में सीबीआई ने साइबर फ्रॉड नेटवर्क का खुलासा किया.

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लखनऊ. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने साइबर फ्रॉड के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा करते हुए देशभर के 39 मोबाइल सिम कार्ड डीलरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इनमें उत्तर प्रदेश के लखनऊ, आगरा, हाथरस, हरदोई, कन्नौज और उन्नाव के 9 डीलर शामिल हैं. यह कार्रवाई साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर मिली 2,200 शिकायतों के बाद शुरू हुई जांच के बाद की गई है, जिसमें फर्जी नाम-पते पर सिम कार्ड बेचने का खुलासा हुआ.

सीबीआई की जांच के अनुसार, इन डीलरों ने लगभग 1,100 सिम कार्ड फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेचे, जो दक्षिण एशियाई देशों में डिजिटल अरेस्ट, जासूसी, फर्जी विज्ञापन, निवेश धोखाधड़ी, और यूपीआई फ्रॉड जैसे साइबर अपराधों के लिए इस्तेमाल हो रहे थे. डीलर ग्राहकों को पहली केवाईसी फेल होने का झांसा देकर दोबारा केवाईसी के नाम पर दूसरा सिम एक्टिवेट करते थे. बीते साल देशभर में 1,930 डीलरों द्वारा 64,000 ऐसे फर्जी सिम कार्ड बेचे जाने की बात सामने आई थी.

यूपी के इन डीलर के खिलाफ दर्ज हुई FIR

यूपी के नामजद डीलरों में लखनऊ के जानकीपुरम स्थित अदिति मोबाइल रिपेयरिंग एंड एक्सेसरीज के मनोज वर्मा, उन्नाव के अमित टेलीकॉम के आशीष, आगरा के दीपक कम्युनिकेशन के दीपक माहौर, हरदोई के अंकित टेलीकॉम के अंकित कुमार और बंशीधर, हाथरस के राजीव सागर, मुकेश कुमार, न्यू सुजाता मोबाइल के धारा सिंह, और कन्नौज के तिवारी किराना स्टोर के सत्यम तिवारी शामिल हैं. सीबीआई ने इनके खिलाफ ऑपरेशन चक्र-V के तहत कार्रवाई की, जिसमें पश्चिम बंगाल, असम, महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु, और कर्नाटक के डीलर भी शामिल हैं.

सीबीआई ने 42 ठिकानों पर की थी छापेमारी

सीबीआई ने 42 ठिकानों पर छापेमारी कर मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, और फर्जी केवाईसी दस्तावेज जब्त किए. जांच में पता चला कि ये सिम कार्ड साइबर अपराधियों और कुछ अज्ञात टेलीकॉम अधिकारियों की मिलीभगत से बेचे गए. यह नेटवर्क क्रॉस-बॉर्डर अपराधों, जैसे कि एनक्रिप्टेड ऐप्स के जरिए धोखाधड़ी, को आसान बना रहा था.

यूपी में लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध के मामले

उत्तर प्रदेश में साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है. साइबर क्राइम पोर्टल पर यूपी से 1,97,546 शिकायतें दर्ज हुईं, जो देश में सबसे अधिक हैं. स्थानीय पुलिस और टेलीकॉम विभाग अब फर्जी सिम कार्ड ब्लॉक करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेसियल रिकग्निशन टूल्स का उपयोग कर रहे हैं.

एक्शन साइबर अपराधों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा

सीबीआई ने कहा, “यह कार्रवाई सरकार की साइबर अपराधों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है.” विशेषज्ञों का मानना है कि फर्जी सिम कार्ड नेटवर्क को खत्म करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को और सख्ती बरतनी होगी. इस घटना ने आम लोगों में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता और सतर्कता की जरूरत को रेखांकित किया है.

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