Brain stroke in winter: ठंड के महीनों में ब्रेन स्ट्रोक की घटनाओं में वृद्धि एक जटिल घटना है, जो विभिन्न कारणों से प्रभावित होती है. कई अध्ययनों ने स्ट्रोक दरों में मौसमी भिन्नता को उजागर किया है, जिसमें ठंडे महीनों के दौरान उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. सर्दियों के दौरान ब्रेन स्ट्रोक में वृद्धि का एक योगदान फैक्टर श्वसन संक्रमणों की बढ़ी हुई प्रचलन है, जैसे कि फ्लू. ये संक्रमण प्रणालीगत सूजन और खून के थक्के जमने के बढ़ते खतरे को जन्म दे सकते हैं, जो स्ट्रोक के लिए एक सामान्य ट्रिगर है.
दिल्ली में बीएलके मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल कि एसोसिएट डायरेक्टर (न्यूरोलॉजी) डॉ.विनित बंगा बताती हैं कि ठंड का मौसम में नसें सिकुड़ जातीहै, जिसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है. हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक के लिए एक जाना-माना रिस्क फैक्टर है और इसके मौसमी उतार-चढ़ाव सर्दियों में स्ट्रोक की बढ़ती घटनाओं को समझा सकते हैं.सोशल फैक्टर भी एक कारणसर्दियों के दौरान, लोग कम सक्रिय होते हैं, कम शारीरिक गतिविधियां करते हैं और अधिक कैलोरी व अस्वस्थ्य भोजन का सेवन कर सकते हैं. यह मोटापे और स्ट्रोक के अन्य रिस्क फैक्टर में योगदान कर सकता है. सर्दियों के दौरान ब्रेन स्ट्रोक में वृद्धि को कई कारणों के संयोजन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसमें बढ़ते श्वसन संक्रमण, सिकुड़ी नसें, विटामिन डी की कमी और जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं.
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण- चेहरे के एक तरफ सुन्नता- हाथ या पैर में सुन्नता- अचानक बोलने में कठिनाई- अचानक दृष्टि में बदलाव, जैसे कि एक आंख में धुंधलापन या ब्लैकआउट- अचानक सिरदर्द, जो पहले कभी नहीं हुआ हो
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