फूलगोभी की रोपाई: किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प
फूलगोभी की खेती कम दिनों में किसानों को ज्यादा मुनाफा दे सकती है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि किसान रोपाई करते समय सही तकनीक अपनाएं और पौधों के बीच सही दूरी रखें। इस खबर में हम जानेंगे कि रोपाई की किसी तकनीक को अपनाकर आप तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं।
शाहजहांपुर में फूलगोभी की खेती एक बेहतर विकल्प साबित हो रही है। सितंबर के महीने में इसकी रोपाई की जाती है और सिर्फ 60 से 70 दिनों में यह फसल बाजार में बेचने के लिए तैयार हो जाती है। कम समय और कम लागत में अच्छी आमदनी देने वाली इस फसल की रोपाई करते समय किसानों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि मुनाफा ज्यादा हो और नुकसान की गुंजाइश कम रहे।
अक्सर किसान मोटी लागत लगाते हैं लेकिन छोटी सी लापरवाही की वजह से उम्मीद के मुताबिक कमाई नहीं कर पाते। इसीलिए सबसे जरूरी है कि फूलगोभी के पौधों की रोपाई सही दूरी पर और सही तकनीक से की जाए।
सही तकनीक से करें फूलगोभी की रोपाई
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. पुनीत कुमार पाठक ने बताया कि फूलगोभी की फसल से किसान कम दिनों में अच्छा लाभ कमा सकते हैं। लेकिन रोपाई करते समय पौधों के बीच उचित दूरी रखना बेहद जरूरी है। अगर दूरी सही नहीं होगी तो फसल की ग्रोथ प्रभावित होती है और उत्पादन भी घट जाता है।
खेत की तैयारी और पौध की उम्र का ध्यान रखें
खेत की अच्छी तरह से तैयारी करना और संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करना जरूरी है। ध्यान रखना चाहिए कि पौध 4 से 5 सप्ताह पुरानी हो। अगर ज्यादा दिनों पुरानी पौध का इस्तेमाल किया जाता है तो फसल की ग्रोथ धीमी हो जाती है और उत्पादन कम मिलता है।
रोपाई करते समय पौधे से पौधे की दूरी 45 सेंटीमीटर और लाइन से लाइन की दूरी 60 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। ऐसा करने से न सिर्फ फसल की ग्रोथ अच्छी होती है, बल्कि किसानों को खरपतवार नियंत्रण और निराई-गुड़ाई करने में भी आसानी मिलती है। साथ ही उर्वरकों की पूर्ति करते समय किसी तरह की परेशानी नहीं आती।