मलेरिया एक जानलेवा मच्छर जनित बीमारी है, जिससे हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है, खासकर अफ्रीका में. इस बीमारी के खिलाफ अब एक बड़ी उम्मीद की किरण मिली है. कैमरून ने दुनिया का पहला रूटीन वैकसीन प्रोग्राम शुरू किया है, जिससे मलेरिया से लड़ने में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
यह टीकाकरण, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा स्वीकृत RTS,S वैक्सीन से किया जाएगा, जिसे ब्रिटिश दवा निर्माता GSK द्वारा विकसित किया गया है. शुरुआत में, यह टीका कैमरून के उन 42 जिलों के बच्चों को दिया जाएगा, जो मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.कैमरून इस टीके को रूटीन वैकसीन प्रोग्राम के माध्यम से देने वाला पहला देश बन जाएगा. इससे पहले केन्या, घाना और मलावी में इसके सफल पायलट अभियान चलाए गए थे. माना जा रहा है कि यह टीका पूरे अफ्रीका में हजारों बच्चों की जान बचाएगा. WHO ने अनुमान लगाया है कि यह टीका हर साल 4 लाख से अधिक बच्चों के जीवन को बचा सकता है.
मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थरकैमरून के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मालची मानाउदा ने वैकसीन प्रोग्राम की शुरुआत को ‘मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर’ बताया है. उन्होंने कहा कि यह टीका हमें इस घातक बीमारी से लड़ने में एक शक्तिशाली हथियार देता है और यह सुनिश्चित करता है कि हर बच्चे को स्वस्थ जीवन जीने का अवसर मिले. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि RTS,S वैक्सीन मलेरिया के लिए 100% प्रभावी नहीं है. यह मलेरिया के गंभीर मामलों को रोकने में और बच्चों की मृत्यु दर को कम करने में मददगार है, लेकिन यह संक्रमण को पूरी तरह से रोक नहीं सकता है.
क्या उपाय करें?मच्छरदानी के उपयोग, घर से आसपास पानी जमा न होने दें और अन्य मच्छर कंट्रोल उपायों के साथ वैक्सीन को एक पूर्ण मलेरिया कंट्रोल रणनीति के हिस्से के रूप में लागू किया जाना चाहिए. कैमरून द्वारा शुरू किया गया यह टीकाकरण कार्यक्रम मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी जीत है. यह उम्मीद की जाती है कि अन्य अफ्रीकी देश भी इस कार्यक्रम को अपनाएंगे और पूरे महाद्वीप में मलेरिया के बोझ को कम करने में मदद करेंगे.
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