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कंप्यूटर से जुड़े धोखेबाज से मिल गए हैं? यहाँ क्या करना है

साइबर अपराध तेजी से विकसित हो रहा है और आजकल धोखेबाज़ हर चीज़ की नकल कर सकते हैं, जैसे कि कूरियर कंपनियों से लेकर भुगतान गेटवे तक। एक नकली डिलीवरी मैसेज, एक लिंक जो एक छोटी सी भुगतान की मांग करता है, या एक कॉल जो ओटीपी की मांग करता है – यह अक्सर सब कुछ है जो आपको एक डिजिटल ट्रैप में फंसा सकता है। यदि आपने हाल ही में किसी अनजान मैसेज या ट्रांजैक्शन का सामना किया है, तो आपकी अगली कार्रवाई से सब कुछ बदल सकता है। जल्दी से कार्रवाई करने से नुकसान को नियंत्रित करने और दूसरों की सुरक्षा करने में मदद मिल सकती है।

अच्छी तरह से क्या करना है: रुको, सोचो, और एक्शन लो! · सभी संचार को रोकें: धोखेबाज़ द्वारा उपयोग किए गए नंबर, ईमेल आईडी, या सोशल मीडिया हैंडल को ब्लॉक करें। कोई भी तर्क या बहस के लिए न जुड़ें। · अतिरिक्त जानकारी साझा न करें: यदि आपने पहले से हीSensitive डिटेल्स जैसे कि ओटीपी, कार्ड नंबर, या लॉगिन क्रेडेंशियल्स साझा किए हैं, तो अपने बैंक से तुरंत संपर्क करें और अपना कार्ड ब्लॉक करें या अपना खाता फ्रीज करें। · स्क्रीनशॉट लें: धोखाधड़ी से संबंधित मैसेज, ईमेल, ट्रांजैक्शन आईडी, और संपर्क विवरण के स्क्रीनशॉट लें। ये रिपोर्टिंग और जांच के लिए महत्वपूर्ण हैं। · अनधिकृत ट्रांजैक्शन की जांच करें: अपने बैंक और यूपीआई ऐप्स में किसी भी अनजान गतिविधि की जांच करें। यदि आप कोई पाते हैं, तो ऐप पर विवाद उठाएं या ग्राहक सेवा को तुरंत कॉल करें।

रिपोर्ट करने के लिए कहां जाएं: · 1930 पर कॉल करें: राष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी हेल्पलाइन देशभर में काम करती है और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए तुरंत सहायता प्रदान करती है। · cybercrime.gov.in पर जाएं: फ़िशिंग, सोशल मीडिया, या भ्रमित करने वाली धोखाधड़ी से संबंधित शिकायतें दर्ज करने के लिए “रिपोर्ट अन्य साइबर अपराध” अनुभाग का उपयोग करें। · अपने बैंक या यूपीआई ऐप को सूचित करें: हर बड़े ऐप जैसे कि Google Pay, PhonePe, Paytm में धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए एक इन-एप्प विकल्प होता है। इसे तुरंत उपयोग करें। · एक एफआईआर* (यदि आवश्यक हो) दर्ज करें: महत्वपूर्ण वित्तीय नुकसान या नुकसान के लिए, अपने निकटतम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करें।

अंतिम शब्द: धोखाधड़ी को जल्दी से पहचानना एक जीत है, लेकिन रिपोर्ट करने से दूसरों को उसी ट्रैप से बचने में मदद मिलती है। धोखेबाज अक्सर शहरों और प्लेटफ़ॉर्मों के बीच स्क्रिप्ट, लिंक, और संपर्क नंबरों का पुनर्विक्रय करते हैं। आपकी तेज़ कार्रवाई अगले शिकार को रोक सकती है। भारत की साइबर प्रतिक्रिया प्रणालियाँ अब भी मजबूत हैं, लेकिन जागरूकता पहली पंक्ति की रक्षा है। फेडएक्स साइबर जागरूकता और शिक्षा के प्रयासों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है जो उपभोक्ताओं, छोटे व्यवसायों और समुदायों को सुरक्षित रूप से काम करने में मदद करते हैं जो आजकल के तेजी से गति वाले डिजिटल अर्थव्यवस्था में काम करते हैं।

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