बच्चेदानी महिला के शरीर का वह हिस्सा है, जो जिसमें शिशु के विकास और इसके लिए जरूरी कार्य होते हैं. इसमें प्रेग्नेंसी के साथ पीरियड्स और मेनोपॉज भी शामिल है.
ऐसे में इस हिस्से में इंफेक्शन होना काफी गंभीर मुद्दा होता है, जिसे किसी भी महिला को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इसलिए यहां आज हम आपके साथ यूटेरियन इंफेक्शन के वॉर्निंग संकेतों के बारे में बता रहे हैं, ताकि आप सही वक्त पर डॉक्टर से इलाज शुरू करवा सके और इसके गंभीर परिणामों से बच सके.
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कैसे होता है यूट्रस में इंफेक्शन
यूट्रस में इंफेक्शन का सबसे आम कारण अनसेफ सेक्स है, जिससे STI का खतरा होता है. बिना प्रोटेक्शन संबंध बनाने से गंदे बैक्टीरिया रिप्रोडक्शन सिस्टम में घूस जाते हैं. जिसके बाद सर्विक्स के जरिए यूट्रस में पहुंच कर इंफेक्शन का कारण बनते हैं. इसके अलावा पोस्ट सर्जरी कॉम्प्लिकेशन, चाइल्ड बर्थ, मिसकैरेज, अबॉर्शन, बैक्टीरियल इंबैलेंस जैसे कारक जिम्मेदार हो सकते हैं.
यूट्रस इन्फेक्शन के लक्षण
पेल्विक एरिया में दर्दपेशाब करते समय जलन, दर्दसंबंध बनाते वक्त दर्दसेक्स के बाद ब्लीडिंगहैवी पीरियड्सबदबूदार वेजाइनल डिस्चार्ज जो दिखने में पीला या हरा हो
यूट्रस इन्फेक्शन का तुरंत इलाज क्यों जरूरी
यूट्रस इंफेक्शन को जल्दी से जल्द ठीक करना जरूरी होता है. वरना इससे इनफर्टिलिटी और घाव बनने का जोखिम रहता है. ऐसे में यदि लक्षण 2-3 दिन में नॉर्मल नहीं होते हैं तो डॉक्टर से तुरंत चेकअप कराएं.
बचाव
सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करने से एसटीआई को रोकने में मदद मिल सकती है, जो बच्चेदानी के संक्रमण का एक प्रमुख कारण है. इसके अलावा डी एंड सी या प्रसव जैसी प्रक्रियाओं के बाद तुरंत चिकित्सा सहायता लेने से भी संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.