Uttar Pradesh

बुंदेलखंड में सरोवरों का बुरा हाल, जानवरों के पीने लायक नहीं तालाब का पानी, जानिए पूरी खबर -bad condition of lakes in bundelkhand water of pond is not suitable for drinking animals – News18 हिंदी



रिपोर्ट : धीरेन्द्र शुक्ला

चित्रकूट. पानी की हर बूंद हमारे लिए कितनी जरूरी है, यह बताने की जरूरत नहीं है. जो पानी बचा भी है, तो उसे हम और आप प्रदूषित करने से बाज नहीं आ रहे हैं. जिस तरह से तेजी से पानी की कमी हो रही है, उसी तरह यह प्रदूषित भी हो रहा है. हालात तो ऐसे हो गए हैं कि पीने का पानी तो छोडि़ए, नहाने लायक भी पानी नहीं है. बुंदेलखंड के चित्रकूट में एक ऐसा तालाब है जिस तालाब का पानी पूरी तरीके से प्रदूषित हो चुका है. पानी इतना अधिक दूषित है कि इसे जानवर भी नहीं पी रहे हैं.

चित्रकूट के जिला मुख्यालय से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर भीषनपुर गांव में यह तालाब कर्वी तहसील के अंतर्गत आता है. कई वर्षों से इसके रखरखाव व साफ-सफाई नहीं होने से आम लोगों व मवेशियों के लिए सिर्फ बीमारियों का घर बन कर रह गया है . तालाबों का पानी का इतना प्रदूषित हो चुका है कि इनके आस-पास से निकलने पर दुर्गंध से लोगों को बुरा हाल है. यह तालाब लगभग 3 दशक पुराना है. इस तालाब का ध्यान देने के लिए न ही कोई अफसर और न ही कोई जिम्मेदार व्यक्ति इसकी सफाई के लिए ध्यान देता है.

3 दशक से नहीं हुई तालाब की सफाईइस तालाब का पानी जानवर भी नहीं पी रहे हैं क्योंकि इसकी सफाई आज तक नहीं हुई है. जिसकी वजह से पानी पूरी तरीके से प्रदूषित है, लोगों का यही कहना है कि यदि तालाब की सफाई हो जाए तो शायद आसपास के लोगों के जानवरों को काफी आराम हो जाएगा. इस गांव में लगभग 2 हज़ार लोग निवास करते हैं लेकिन कोई ध्यान देने वाला नहीं है.भीषनपुर गांव के ग्रामीण प्रकाश सिंह ने बताया कि जितनी हमारी उम्र है तब से लेकर आज तक इस तालाब की सफाई नहीं हुई है. लगभग तीन दशकों से यह तालाब इसी तरह पड़ा हुआ है. इस तालाब की देखरेख कोई करने के लिए नहीं है तैयार. इतना ही नहीं जानवर इस पानी को सूंघते तक नहीं है. क्योंकि इस तालाब का पानी पूरी तरीके से जहर हो चुका है. इस तालाब के पानी को यदि जिम्मेदार लोग सफाई कराते तो शायद गर्मी आ रही है, तो जानवरों के लिए बेहद अच्छी खबर हो सकती है. लेकिन जिम्मेदार कोई ध्यान देने के लिए नहीं है तैयार.

जवाब देने से बचते नजर आए ग्राम प्रधानगांव के प्रधान से जब बातचीत करने का प्रयास किए किया गया तो कैमरे में आने से साफ मना कर दिया. गांव के प्रधान राजा साहब ने बताया कि इस तालाब काश्तकारी होने की वजह से लोग इसे सफाई नहीं कराना चाहते हैं. इस तालाब की सफाई हो जाती तो शायद तालाब काफी लाभदायक होता लेकिन इस बार हम प्रयासरत हैं कि इस तालाब की सफाई अवश्य हो.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : April 09, 2023, 17:07 IST



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