Monank Patel Life Story: जिंदगी में कहा जाता है कि सफलता आसानी से नहीं मिलती है. इसे हासिल करने के लिए कई बड़े त्याग करने होते हैं. इसके बाद ही कोई ऊंचाइयों पर पहुंच पाता है. भारत में क्रिकेट ऐसा खेल है जिसमें सफलता पाने के लिए आपको मेहनत के साथ-साथ लक की भी आवश्यकता होती है. यहां इस खेल को धर्म की तरह पूजा जाता है. 140 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले इस देश में कम ही खिलाड़ियों को बड़ी सफलता मिल पाती है.
भारत के इस क्रिकेटर की कहानी
ऐसे बहुत सारे खिलाड़ी हैं जिनका सपना अधूरा रह गया है. उन में से कुछ ने खेल से दूरी बना ली तो कुछ ने देश ही बदल लिया. अमेरिका में भारत की एक ऐसी ही प्रतिभा डंका बजा रही है. उस खिलाड़ी का नाम मोनांक पटेल है. उनकी किस्मत ने कई बार करवट ली है. 1 मई 1993 को आणंद (गुजरात) में जन्मे मोनांक पटेल बचपन से ही क्रिकेटर बनना चाहते थे. मोनांक का सपना था कि वह एक दिन भारत के लिए खेलें. विकेटकीपर-बल्लेबाज मोनांक अपने सपने को साकार करने के लिए गुजरात की अंडर-16 और अंडर-18 टीम की ओर से क्रिकेट खेले. इस दौरान जसप्रीत बुमराह और अक्षर पटेल उनके टीममेट भी रहे.
अमेरिका में रेस्टोरेंट खोला
13 वर्ष की उम्र में मोनांक अंडर-15 टूर्नामेंट में आणंद जिला क्रिकेट टीम का नेतृत्व कर रहे थे. उन्होंने सूरत और भरूच के खिलाफ क्रमशः 144 और शानदार 166 रन बनाए. मोनांक पटेल को साल 2010 में अमेरिका का ग्रीन कार्ड मिल गया था. भारत में अंडर-19 स्तर पर कुछ खास कमाल न कर पाने के बाद मोनांक पटेल साल 2016 में स्थायी रूप से अमेरिका शिफ्ट हो गए. साल 2016 में उन्होंने रेस्टोरेंट बिजनेस में हाथ आजमाने का फैसला किया. उन्होंने अमेरिका में ‘टेरियाकी मैडनेस’ नाम से एक चाइनीज रेस्टोरेंट खोला. लगभग दो साल तक, उन्होंने रेस्टोरेंट में रोजाना करीब 10-12 घंटे काम किया. रेस्टोरेंट में ब्रिकी कम थी। ऐसे में मोनांक को मैनेजर के साथ-साथ शेफ का काम भी करना पड़ गया.
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मां के कैंसर ने दिया झटका
एक तरफ बिजनेस में खास मुनाफा नहीं था, दूसरी तरफ मोनांक को एक और झटका लग गया. उन्हें मां के कैंसर से पीड़ित होने का पता चला. ऐसे में आखिरकार रेस्टोरेंट बिजनेस को बेचने का फैसला करना पड़ा. मोनांक के बैंक अकाउंट में सिर्फ 3000 डॉलर बचे थे. उन्होंने बीमार मां के पास न्यू जर्सी वापस लौटने का फैसला लिया. पूर्व अमेरिकी कोच पुबुदु दसनायके ने मोनांक की बल्लेबाजी का वीडियो देखा, तो उनसे प्रभावित हो गए. उन्होंने तुरंत कुछ मैच खेलने के लिए मोनांक को बुला लिया. बाद में मोनांक की प्रतिभा ने उनके लिए अमेरिकी टीम के रास्ते खोल दिए.
2 साल में बन गए अमेरिका के कप्तान
साल 2019 में मोनांक पटेल को अमेरिका की ओर से खेलने का मौका मिला और साल 2021 में उन्हें अमेरिकी पुरुष क्रिकेट टीम की कमान सौंप दी गई. 13 सितंबर 2021 को मोनांक ने नेपाल के खिलाफ शतकीय पारी खेलकर धाक जमा दी. मोनांक ने जून 2022 में अपना दूसरा वनडे शतक जमाया. इसके बाद अगस्त 2024 में नाबाद 121 रन की पारी खेली. मोनांक पटेल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 67 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें 35.35 की औसत के साथ 2,192 रन बनाए. इस फॉर्मेट में उनके बल्ले से तीन शतक और 17 अर्धशतक निकले हैं. वहीं, 43 टी20 मुकाबलों में दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 27.87 की औसत से 920 रन बनाए हैं. उन्होंने अमेरिका के लिए इस प्रारूप में एक शतक और छह अर्धशतक लगाए हैं.
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मां के सपने को किया साकार
लिस्ट-ए क्रिकेट में मोनांक पटेल के प्रदर्शन को देखा जाए, तो उन्होंने 35.18 की औसत के साथ 2,850 रन अपने खाते में जोड़े हैं. इसमें उनके नाम चार शतक और 21 अर्धशतक दर्ज हैं. मोनांक पटेल मेजर लीग क्रिकेट में अपनी चमक बिखेर चुके . फैंस को यकीन है कि अगले आईपीएल सीजन वह विश्व की सबसे बड़ी टी20 क्रिकेट लीग में भी खेलते नजर आ सकते हैं. मां ने दुनिया छोड़ने से पहले मोनांक से ‘खेलते रहने और खूब मेहनत’ करने को कहा था. मोनांक ने मां की इस बात को गांठ बांध लिया. कभी अमेरिका में रेस्टोरेंट चला रहे मोनांक आज उसी देश के क्रिकेट कप्तान हैं.