कृष्ण गोपाल द्विवेदी/बस्तीः शिक्षा की अलख जगाने के लिए सरकार कितनी संजीदा है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की जगह-जगह स्कूल के जर्जर हो गए भवनों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. छात्र छात्राओं के लिए शौचालय और शुद्ध पेयजल की भी व्यवस्था की जा रही है.छात्र-छात्राओं को जूता,मोजा, बैग और किताब आदि सभी के सभी फ्री में दिए जा रहे है .बावजूद इसके बस्ती जनपद में इसकी तस्वीर एकदम उलट है.

प्राथमिक विद्यालय नरहरिया, प्राथमिक विद्यालय राजा बाजार पुरानी बस्ती,प्राथमिक विद्यालय मुरलीजोत, प्राथमिक विद्यालय गोडिया नगर, प्राथमिक विद्यालय मिश्रौलिया आदि मिलाकर बस्ती जनपद में एक दर्जन से अधिक ऐसे विद्यालय हैं. जहां बालक बालिकाओं के लिए न तो शौचालय की व्यवस्था है न ही बिजली पानी की.ये सभी विद्यालय आजादी के बाद से ही किराए के मकान में संचालित हो रहे हैं. अब आप अंदाजा लगा सकते है की इस तरह के विद्यालय में बच्चे कैसे शिक्षा की प्राप्त कर रहें है.

छात्रों का हो रहा मोहभंगप्राथमिक विद्यालय नरहरिया की प्रधानाध्यापिका नीलम श्रीवास्तव ने बताया कि यह विद्यालय किराए के मकान में संचालित हो रहा है. यहां न तो शौचालय है और न ही बिजली पानी की ही कोई व्यवस्था है. बालिकाएं शौच के लिए या तो घर चली जाती हैं या तो इधर उधर कहीं जाकर फ्रेश होती हैं. बालिकाओं के लिए शौचालय न होने से काफी समस्या आ रही है. यही कारण है की यहां पर धीरे-धीरे बच्चों की संख्या कम होती जा रही है.

बीएसए ने दिया फिर वही जवाबसंबंधित मामले में बीएसए बस्ती अनूप कुमार ने बताया कि किराए के मकान से जल्द ही स्कूल को सरकारी स्कूल में शिफ्ट किया जाएगा.जहां शौचालय उपयोग में नहीं है उसको एक्टिव कराया जाएगा.
.Tags: Basti news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 20, 2023, 22:48 IST



Source link