उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व में दर्ज होंगे हजारों सैलानियों के आगमन
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व के प्रमुख आकर्षण हैं तराई के भारी भरकम बंगाल टाइगर्स, जिनके दीदार के लिए हजारों सैलानियों की आमद पीलीभीत टाइगर रिजर्व में दर्ज की जाती है. उत्तरप्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व के 730 वर्ग किलोमीटर में फैले इस जंगल में 71 से भी अधिक बाघ और तेंदुए समेत तमाम दुर्लभ जंगली जानवर हैं. यहां की अनुकूल आबोहवा और पानी की पर्याप्त उपलब्धता के चलते पर्यटकों को अच्छी साइटिंग मिलती है. यही कारण है कि बीते पर्यटन सत्र 53 हजार से भी अधिक सैलानियों की आमद यहां दर्ज की गई थी.
इस पर्यटन सत्र में भी हज़ारों की संख्या में सैलानियों के आने के क़यास लगाए जा रहे हैं. बाघ के दीदार के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व के दरवाजे इस वर्ष जल्दी खुलने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व समेत प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व और वन्यजीव विहार के दरवाज़े पर्यटकों के लिए 01 नवंबर को ही खुल जाएंगे. इसको लेकर पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन ने तैयारियां भी तेज कर दी है. गौरलतब है कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व लगातार प्रसिद्धि हासिल कर रहा है. ऐसे में इस पर्यटन सत्र टाइगर सफारी के दामों में भी इजाफा हो सकता है, हालांकि इसको लेकर अभी कोई भी आदेश जारी नहीं हुआ है.
पीलीभीत के जंगलों में काफी साल पहले सुल्तान नाम के बाघ का दबदबा हुआ करता था. ऐसा माना जाता है कि सुल्तान के वंशजों का आज भी दबदबा कायम है. इन बाघों को S2 व S3 मेल के नाम से जाना जाता है. S3 बाघ के चेहरे पर दाईं आंख के ऊपर कुल्हाड़ी का निशान मौजूद है, ऐसे में यह पर्यटकों के बीच कुल्हाड़ी राम नाम से मशहूर है. बीते पर्यटन सत्र इन दोनों बाघों के बीच टेरीटोरियल फाइट भी देखने को मिली थी. जिसके बाद से S2 अपनी टेरिटरी से दूर रह रहा है. वहीं पीलीभीत का रॉकेट बाघ भी पर्यटकों के बीच काफी अधिक लोकप्रिय है.

