Uttar Pradesh

ब्रह्मोस सिर्फ मिसाइल नहीं, भारत की बढ़ती सैन्य दहाड़ है; सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश भी चाहता है खरीदना

लखनऊ. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को लखनऊ में ऐसी घोषणा की, जिसने भारत की रक्षा क्षमता और कूटनीतिक वजन दोनों का गर्जनापूर्ण संदेश दुनिया को दे दिया. उन्होंने साफ कहा, “लखनऊ में तैयार हो रही घातक ब्रह्मोस मिसाइल को खरीदने की पहल अब इंडोनेशिया कर रहा है.” यानी भारत अब सिर्फ अपनी सुरक्षा नहीं, बल्कि वैश्विक युद्धक समीकरणों को भी बदलने की ताकत रखता है. यह सिर्फ हथियारों का निर्यात नहीं, बल्कि भारतीय सामरिक शक्ति का खुला प्रदर्शन है.

सिंह ने जोर देकर कहा कि लखनऊ की धरती से निकल रही ब्रह्मोस मिसाइलें भारत के गौरव और आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन का चमकता प्रमाण हैं. 18 अक्टूबर को उनकी मौजूदगी में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ब्रह्मोस की पहली खेप के प्रस्थान ने दुनिया को यह एहसास करा दिया कि भारत अब युद्धक तकनीक का निर्भर उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्णायक निर्माता बन चुका है. भारत की इस क्षमता को देखकर इंडोनेशिया (सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश) जैसा रणनीतिक देश खुद आगे आया. यह इस बात का संदेश है कि ब्रह्मोस सिर्फ मिसाइल नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती सैन्य दहाड़ है.

लखनऊ में बन रही ब्रह्मोस मिसाइलविश्व की सर्वाधिक तेज और घातक सटीक प्रहार क्षमता वाली ‘ब्रह्मोस’ सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली का निर्माण कर रही संस्था ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने लखनऊ की नई ‘इंटीग्रेशन एंड टेस्ट’ सुविधा से मिसाइलों की पहली खेप सफलतापूर्वक तैयार कर ली है. यह अत्याधुनिक इकाई 11 मई 2025 को उद्घाटन के बाद पूरी तरह संचालन में आ गई थी.

300 करोड़ का आया खर्चालखनऊ के सरोजिनी नगर के भटगांव स्थित यह इकाई उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारे की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है जहां मिसाइलों की ‘असेंबली, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग’ अत्यधिक तकनीकी मानकों के अनुरूप की जाती है. इस इकाई की स्थापना में 300 करोड़ रुपये की लागत आई है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए 80 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई है.

मनुष्य हर चीज से समझौता कर सकता है लेकिन…एक बयान के अनुसार, कार्यक्रम में उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि ईमानदारी से निरंतर काम करते रहना चाहिए. उन्होंने कहा, “मनुष्य के जीवन की सबसे बड़ी इच्छा मान-सम्मान और स्वाभिमान होता है. मनुष्य हर चीज से समझौता कर सकता है, लेकिन अपने स्वाभिमान से नहीं.”

मर्यादाओं का पालन करने की सीख दीसिंह ने कार्यकर्ताओं को मर्यादाओं का पालन करने की सीख देते हुए कहा, “भगवान राम ने भी मर्यादाओं का पालन किया, इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है.” कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा, “मैं युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष से लेकर युवा मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष और दो बार पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष रहा हूं. इसलिए पूरी निष्ठा से संगठन का काम करिए. आप में से कौन, कब किस पद पर पहुंचे, यह कोई नहीं जानता.”

बिहार में नहीं चली जाति–धर्म की राजनीतिरक्षा मंत्री ने बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की शानदार जीत पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “बिहार की जनता ने कमाल कर दिया. सारे रिकॉर्ड टूट गए और जाति–धर्म की राजनीति नहीं चली.” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने भारत का मस्तक विश्व में ऊंचा किया है. पहले जब हम विदेश जाते थे तो लोग हमारी बातों को गंभीरता से नहीं लेते थे, लेकिन आज भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बोलता है तो दुनिया ध्यान से सुनती है कि भारत क्या कह रहा है. भारत की यह प्रतिष्ठा हमारे नेतृत्व और कार्यकर्ताओं की मेहनत से बनी है.”

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