Breast cancer silent attack doctor explain how to identify early symptoms by standing in front of mirror | ब्रेस्ट कैंसर का साइलेंट अटैक! शीशे के सामने सिर्फ 2 मिनट खड़े होकर पहचानें शुरुआती लक्षण, डॉक्टर की खास सलाह

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Breast cancer silent attack doctor explain how to identify early symptoms by standing in front of mirror | ब्रेस्ट कैंसर का साइलेंट अटैक! शीशे के सामने सिर्फ 2 मिनट खड़े होकर पहचानें शुरुआती लक्षण, डॉक्टर की खास सलाह



भारत में महिलाएं अब सबसे ज्यादा जिस कैंसर की चपेट में आ रही हैं, वो है ब्रेस्ट कैंसर. एक आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, साल 2022 में ही देश में 1.93 लाख नए मामले सामने आए और लगभग 99,000 महिलाओं ने इस बीमारी के कारण जान गंवाई. ये आंकड़े न केवल डराते हैं, बल्कि इस बात की ओर भी इशारा करते हैं कि अगर समय रहते सावधानी नहीं बरती गई, तो यह खतरा और बढ़ सकता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि हर 28 में से 1 महिला को अपने जीवनकाल में ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना है.
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आकांक्षा श्रीवास्तव के अनुसार, इस खतरे को समय रहते टालने का सबसे अच्छा उपाय है ‘सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन’, यानी खुद से हर महीने स्तनों की जांच करना. ये प्रक्रिया न केवल बेहद आसान है, बल्कि इसके लिए आपको महंगे टेस्ट या उपकरणों की जरूरत भी नहीं होती. सिर्फ 2 मिनट शीशे के सामने खड़े होकर खुद को ध्यान से देखना और महसूस करना ही काफी है.
कब और कैसे करें जांच?डॉ. श्रीवास्तव बताती हैं कि अगर आपकी उम्र 35 साल से ज्यादा है, तो हर महीने पीरियड्स खत्म होने के बाद एक बार जरूर ब्रेस्ट को चेक करें. इस समय ब्रेस्ट टिशूज नरम होते हैं और गांठ या सूजन को पहचानना आसान हो जाता है. सबसे पहले शीशे के सामने खड़े होकर स्तनों की बनावट, आकार और त्वचा पर ध्यान दें. कहीं कोई हिस्सा धंसा हुआ तो नहीं? निपल्स सामान्य हैं या अंदर की ओर मुड़े हुए लग रहे हैं? क्या त्वचा का रंग या टेक्सचर संतरे के छिलके जैसा हो गया है?
हाथ से महसूस करके चेक करें गांठ या गुठलीइसके बाद उंगलियों की मदद से स्तनों को हल्के दबाव में गोलाई में महसूस करें. ऊपर से नीचे, अंदर से बाहर हर दिशा में सर्कुलर मोशन में जांच करें कि कहीं गांठ या गुठली तो नहीं है. साथ ही, कांख की जांच करना न भूलें, क्योंकि कई बार सूजन या गांठ वहां भी पनपती है.

नहाते वक्त करें ये चेकअपडॉक्टर के मुताबिक, नहाते वक्त सेल्फ एग्जामिनेशन करना ज्यादा कारगर होता है क्योंकि त्वचा गीली होने के कारण किसी भी असामान्यता को महसूस करना आसान होता है. साबुन या तेल के इस्तेमाल से उंगलियों की पकड़ और भी बेहतर हो जाती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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