डिमेंशिया के मामले तेजी से दुनियाभर में बढ़ रहे हैं. अब तक यह मौत का सातवां सबसे बड़ा कारण है. यह ब्रेन से जुड़ी एक जानलेवा समस्या है, जिसमें व्यक्ति छोटी सी लेकर बड़ी और मामूली से लेकर सबसे जरूरी चीजें भूल जाता है. इसमें खुद का नाम, बर्थ डेट और खाना चबाने का तरीका भी शामिल है.
क्या है डिमेंशिया? यह एक सिंड्रोम है जो कई रोगों के कारण हो सकता है जो समय के साथ नर्व सेल्स को डैमेज कर देते हैं और ब्रेन को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में व्यक्ति की विचार करने की क्षमता कम होने लगता है. इसके लक्षण बीमारी शुरु होने के 20 साल पहले ही नजर आने लगते हैं.
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20 साल पहले दिखने वाले डिमेंशिया के लक्षण
मेमोरी लॉस, संवाद करने या शब्दों को खोजने में कठिनाई, तर्क और समस्या को सुलझाने की क्षमता की कमी, जटिल कार्यों को करने और योजना बनाने में कठिनाई डिमेंशिया के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं.
इन लोगों को ज्यादा खतरा
डिमेंशिया का खतरा 65 की उम्र वाले लोगों में होता है, जिसका खतरा उम्र के बढ़ने के साथ ही बढ़ता जाता है. ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि 85 की उम्र तक आते-आते आधे लोग इस बीमारी की चपेट में होते हैं. इसके अलावा इस बीमारी का होने कारण धूम्रपान, हार्ट डिजीज, ब्रेन इंजरी, फैमली हिस्ट्री, डायबिटीज, डाउन सिंड्रोम, स्लीप एप्निया, खराब जीवनशैली भी है.
डिमेंशिया का इलाज क्या है
डिमेंशिया का कोई पक्का इलाज नहीं है. इसके निदान के बाद डॉक्टर दवा और थेरेपी से इसके लक्षणों को कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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