विराट कोहली ने महज 36 साल की उम्र में ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया. पिछले साल विराट कोहली ने टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया था. अब ऐसे में यह महान बल्लेबाज सिर्फ वनडे इंटरनेशनल फॉर्मेट में ही भारत के लिए खेलता हुआ नजर आएगा. विराट कोहली ने इंटरनेशनल क्रिकेट में अभी तक 27599 रन बनाए हैं, जिसमें 82 शतक और 143 अर्धशतक शामिल हैं. बता दें कि टेस्ट क्रिकेट से विराट कोहली के अचानक संन्यास ने वर्ल्ड क्रिकेट को चौंका दिया है. 36 वर्षीय विराट कोहली ने भारत के लिए 123 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 46.85 की औसत से 30 शतकों सहित 9230 रन बनाए. विराट कोहली 10,000 टेस्ट रन के भी बेहद करीब थे.
विराट कोहली के संन्यास पर इस क्रिकेटर ने दागे सवाल
भारत के पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के फैसले को ‘Brain Fade Moment’ करार दिया है. मनोज तिवारी का कहना है कि विराट कोहली ने यह फैसला जल्दबाजी में लिया है. मनोज तिवारी ने विराट कोहली को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के अपने फैसले पर फिर से विचार करने की सलाह दी है. मनोज तिवारी के मुताबिक विराट कोहली के अंदर अभी भी काफी क्रिकेट बाकी है. मनोज तिवारी ने कहा कि अगर विराट कोहली टेस्ट से संन्यास का अपना फैसला वापस लेते हैं तो उन्हें भी भारतीय क्रिकेट के किसी भी अन्य फैंस की तरह खुशी होगी.
विराट कोहली का ‘Brain Fade Moment’
मनोज तिवारी ने क्रिकबज से बात करते हुए कहा, ‘मुझे थोड़ा दुख हुआ. ऐसे दौर में जब टी20 क्रिकेट तेजी से आगे बढ़ रहा है, विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को जिंदा रखा है. विराट कोहली ने हमेशा टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता दी. हमने उनकी कप्तानी में भी यही देखा. मैं उनसे कहूंगा कि वे अपनी आंखें बंद कर लें और जल्द से जल्द संन्यास वापस ले लें. इससे सभी क्रिकेट प्रशंसकों के चेहरों पर खुशी लौट आएगी. मैंने भी ऐसा ही किया.’ मनोज तिवारी ने यह भी कहा कि विराट कोहली का यह ‘Brain Fade Moment’ रहा और उन्होंने जल्दबाजी में संन्यास लेने का फैसला किया.
अभी भी बहुत क्रिकेट बाकी
मनोज तिवारी ने कहा, ‘कभी-कभी आपके सामने ऐसा समय आता है, जब दिमाग में कुछ चल रहा होता है और आप तुरंत कोई फैसला ले लेते हैं. यह संभव है कि उनके साथ भी ऐसा हुआ होगा. उनमें (विराट कोहली) अभी भी बहुत क्रिकेट बाकी है. विराट कोहली 10,000 टेस्ट रन के बहुत करीब थे. हालांकि यह उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं हो सकता है, लेकिन बहुत से युवा क्रिकेटर टेस्ट क्रिकेट में अपना नाम बनाने और उस मुकाम तक पहुंचने का सपना देखते हैं. उनके (विराट कोहली) पास अच्छा मौका था. मुझे नहीं पता कि क्या गलत हुआ कि और उन्होंने यह फैसला लिया.’