केमिस्ट्री में लगता है डर और चाहिए अच्छे नंबर? तो इन तरीकों से करें तैयारी
बोर्ड परीक्षा नज़दीक आते ही ज़्यादातर छात्र अपनी तैयारी को लेकर दबाव महसूस करने लगते हैं, खासकर उन सब्जेक्ट्स में जिनके बारे में पहले से यह धारणा बनी होती है कि वे मुश्किल हैं. केमिस्ट्री भी ऐसा ही एक सब्जेक्ट है, जहां बच्चे अक्सर कॉन्सेप्ट और न्यूमेरिकल देखकर घबरा जाते हैं. इसी वजह से माता पिता और शिक्षकों दोनों के लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि वे छात्रों को सही दिशा और सही तरीके से गाइड करें, ताकि बच्चे न सिर्फ़ विषय को समझें बल्कि आत्मविश्वास के साथ परीक्षा में बैठें.
केमिस्ट्री वैसे भी रटने वाला सब्जेक्ट नहीं है, यह समझने वाला सब्जेक्ट है. बच्चा जब किसी टॉपिक को लॉजिक के साथ समझता है, तब वही चीज़ उसे लंबे समय तक याद रहती है. अलीगढ़ में बोर्ड परीक्षा के नजदीक आते ही छात्रों को केमिस्ट्री के सवालों को आसानी से हल करने के लिए सही दिशा में गाइड करना महत्वपूर्ण हो जाता है. ऐसे बच्चों के लिए लोकल टीम ने एएमयू के केमिस्ट्री विभाग के केमिस्ट्री के प्रोफेसर से केमिस्ट्री के सवालों को आसानी से हल करने के अहम टिप्स जानने की कोशिश की.
एएमयू के केमिस्ट्री विभाग के प्रोफेसर अमजद ताहिर खान बताते हैं कि अगर बच्चे शुरुआत में ही डर अपने दिमाग में बैठा लेंगे, तो फिर आगे बढ़ना मुश्किल हो जाएगा. बच्चे बोर्ड एग्ज़ाम को लेकर थोड़ा नर्वस हो जाते हैं, क्योंकि यह उनका पहला बड़ा एग्ज़ाम होता है. खासकर केमिस्ट्री जैसे सब्जेक्ट में, जहाँ उन्हें लगता है कि बहुत कठिन होगा. लेकिन उनका साफ़ कहना है कि डर की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है. केमिस्ट्री वैसे भी रटने वाला सब्जेक्ट नहीं है, यह समझने वाला सब्जेक्ट है. बच्चा जब किसी टॉपिक को लॉजिक के साथ समझता है, तब वही चीज़ उसे लंबे समय तक याद रहती है.
प्रैक्टिस से बनेगी बात
प्रोफेसर खान बताते हैं कि जहाँ तक न्यूमेरिकल्स की बात है, तो बच्चों को वहाँ भी घबराहट हो जाती है, लेकिन न्यूमेरिकल में एक ही तरीका काम करता है वह है प्रैक्टिस. अगर बच्चा सिर्फ़ 4–5 सवाल करेगा तो मुश्किल लगेंगे, लेकिन जब 50–100 सवाल अलग-अलग पैटर्न के हल करेगा, तो उसका कॉन्फिडेंस अपने-आप बढ़ जाता है और सवाल आसान लगने लगते हैं. आजकल न्यूमेरिकल प्रॉब्लम्स की किताबें बहुत सारे सेट के साथ आती हैं, बच्चे बस उन्हें लगातार सॉल्व करें. जितनी ज्यादा वैरायटी देखेंगे, उतनी ही समझ बढ़ेगी, और एग्ज़ाम में आने वाला कोई भी सवाल फिर नया या मुश्किल महसूस नहीं होगा.

