माध्यमिक शिक्षा परिषद अर्थात यूपी बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी माह में शुरू होंगी. परीक्षाओं को देखते हुए स्कूलों में छात्र-छात्राओं का जल्द से जल्द सिलेबस कंप्लीट कराया जा रहा है, जिससे वह सभी परीक्षाओं की बेहतर तरीके से तैयारी कर सकें, लेकिन अक्सर देखने को मिलता है कि काफी ऐसे स्टूडेट होते हैं, जो मातृभाषा हिंदी होने के बावजूद भी हिंदी के पेपर में ही सबसे कम नंबर लाते हैं।
इन्हीं बातों को देखते हुए लोकल 18 की टीम ने गढ़ रोड स्थित रामसहाय इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुखनंदन त्यागी से हिंदी विषय को लेकर खास बातचीत की. डॉ. त्यागी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद अर्थात यूपी बोर्ड से संबंधित छात्र-छात्राओं की बात की जाए तो अंग्रेजी को छोड़कर सभी पेपर हिंदी भाषा में ही लिखे जाते हैं. ऐसे में हिंदी का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यकता है, क्योंकि देखने को मिलता है कि काफी ऐसे युवा होते हैं जो हिंदी में लिखते समय शब्दावली की काफी गलती कर देते हैं. इससे पूरा सेंटेंस ही चेंज हो जाता है. ऐसे में छात्र-छात्राएं मात्राओं का ज्ञान रखने के साथ ही पेपर में जो पूछा गया है, सिर्फ उसके बारे में ही लिखें, क्योंकि इधर-उधर का लिखने से नंबर कटते हैं।
डॉ. त्यागी ने बताया कि युवा पेपर लिखते समय कंटेंट पर विशेष तौर पर फोकस करें, क्योंकि हिंदी के पेपर में निबंध सहित विभिन्न प्रकार के ऐसे क्वेश्चन आंसर पूछे जाते हैं. इनका उत्तर अगर स्टूडेंट बेहतर तरीके से देते हैं तो अच्छे नंबर की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए युवक घर पर अपना समय निर्धारित कर लें. विभिन्न विषयों की तैयारी करते रहे और लिखने की प्रैक्टिस करते रहें. उससे जहां उनको याद रहेगा, वही उनकी जो शब्दावली है, उसमें भी सुधार हो जाएगा. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि बोर्ड एग्जाम में भी वह बेहतर तरीके से प्रश्नों का उत्तर दे पाएंगे.
डॉ. त्यागी ने आगे कहा कि स्टूडेंट अनसोल्ड पेपर को खरीदकर उनमें जो क्वेश्चन अब तक आए हैं, उन सभी को सॉल्व करना घर पर ही शुरू कर दें. साथ ही पाठ्यक्रम में और किस तरह के प्रश्न पत्र को ज्यादा पूछा जा रहा है. उनकी तैयारी पर ज्यादा फोकस करें. साथ ही कोई भी समस्या है तो अपने शिक्षक से इस बारे में बात जरूर करें. इससे समय रहते ही आपकी समस्या का समाधान हो जाए और आप बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें.

