Uttar Pradesh

भाजपा विधायक का वीडियो वायरल हुआ: एसआईआर के संबंध में उन्होंने कहा, “विपक्षी का नाम हटा दें”। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह वीडियो एआई का उपयोग करके डॉक्टर किया गया था: यूपी समाचार

जौनपुर में वायरल वीडियो से मचा भूचाल, फेसबुक लाइव का क्लिप धमाका, भाजपा में हलचल

जौनपुर: बदलापुर विधानसभा से भाजपा विधायक रमेश मिश्रा एक वायरल वीडियो को लेकर सुर्खियों में हैं। वीडियो में कथित रूप से विपक्षी मतदाताओं के वोट कटवाने की बात कही गई है, जिसे लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जहां विपक्ष इसे लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बता रहा है, वहीं विधायक मिश्रा इसे AI से छेड़छाड़ कर बनाया गया फर्जी वीडियो बता रहे हैं।

वायरल वीडियो में कथित तौर पर विधायक मिश्रा अपने समर्थकों को SIR में विपक्षी वोट कटवाने की बात कहते हुए दिखाई देते हैं। वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक वातावरण गरमा गया है और विपक्ष ने सरकार और विधायक पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

कांग्रेस के पूर्व विधायक नदीम जावेद ने इस वायरल वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर करते हुए कहा कि ऐसे बयान लोकतंत्र की मूल भावना को ठेस पहुंचाते हैं। उनके अनुसार यह केवल विवाद का मुद्दा नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सीधा हमला है। उन्होंने मांग की कि इस मामले में उचित जांच हो और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए।

विधायक रमेश मिश्रा ने खारिज किए आरोप
विधायक मिश्रा ने वीडियो को पूरी तरह फर्जी बताया है। उनका कहना है कि वीडियो को AI की मदद से एडिट कर गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने अभी पूरा वीडियो नहीं देखा है, लेकिन देखने के बाद वह पुलिस और साइबर सेल में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराएंगे। मिश्रा के अनुसार कुछ राजनीतिक विरोधी उन्हें बदनाम करने की सोच-समझी साजिश कर रहे हैं।

फेसबुक लाइव से जोड़कर फैलाया जा रहा वीडियो
कुछ दिन पहले विधायक ने फेसबुक लाइव के जरिए कार्यकर्ताओं से बातचीत की थी। माना जा रहा है कि वायरल वीडियो को उसी लाइव सत्र का हिस्सा बताकर प्रसारित किया जा रहा है। वायरल क्लिप में “मृत व्यक्तियों का नाम सूची से हटाया जाए और अभियान तेजी से चलाया जाए” जैसा कथन सुनाई देता है, जिसके आधार पर विरोधी दल आरोप लगा रहे हैं कि समर्थकों को विपक्षी मतदाताओं के नाम हटाने के लिए प्रेरित किया गया।

मिश्रा का दावा: बात का गलत अर्थ निकाला गया
विधायक ने कहा कि वह सिर्फ मतदाता सूची अपडेट करने की सामान्य प्रक्रिया पर बात कर रहे थे। उनके अनुसार एडिटिंग के जरिए शब्दों को जोड़कर ऐसा वातावरण बनाया गया कि पूरी बात का अर्थ ही बदल गया। उन्होंने इसे राजनीतिक लाभ के लिए फैलाया गया दुष्प्रचार बताया।

जांच की ओर बढ़ता मामला
विवाद बढ़ने के बाद प्रशासनिक जांच की संभावना भी तेज हो गई है। यदि विधायक की ओर से शिकायत दर्ज होती है, तो पुलिस और साइबर टीम वीडियो की तकनीकी जांच शुरू कर सकती है। अभी तक वीडियो की प्रामाणिकता को लेकर कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं आई है।

चुनावी माहौल में नई हलचल
इस विवाद ने जौनपुर की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। सोशल मीडिया पर दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप–प्रत्यारोप कर रहे हैं। आगामी चुनावी माहौल से पहले यह मामला किस दिशा में जाता है, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।

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