बिहार विधानसभा चुनावों में मुसलमानों का वोट बैंक पर AIMIM का हमला
बिहार विधानसभा चुनावों की सरगर्मी में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने तीखी बयानबाजी शुरू कर दी है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता असीम वकार ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और उसके नेताओं पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 13 प्रतिशत वाले यादव अब 4-6-2 प्रतिशत वाली छोटी जातियों से वोट मांग रहे हैं और वादा कर रहे हैं कि उन्हें डिप्टी सीएम बनाएंगे. वहीं, 18 प्रतिशत मुसलमानों से कह रहे हैं कि हम तुम्हें बीजेपी से बचाएंगे. लेकिन अब मुसलमानों ने फैसला कर लिया है कि वे यादवों को बीजेपी से बचाएंगे और खुद डिप्टी सीएम बनने की तैयारी में जुट चुके हैं.
यह बयान बिहार की सियासी गलियारों में हंगामा मचा रहा है. असीम वकार का यह हमला महागठबंधन की MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण को चुनौती देता नजर आ रहा है. AIMIM ने पहले ही 100 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है और सीमांचल जैसे क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है. वकार ने कहा, “यादवों का यह खेल अब चलने वाला नहीं. मुसलमान अब जाग चुके हैं और अपनी ताकत का एहसास कर चुके हैं. वे अब किसी के पिछलग्गू नहीं बनेंगे.”
वकार ने कहा कि बिहार में यादव समाज 13 प्रतिशत है, लेकिन वे अब छोटी जातियों- जैसे 4 प्रतिशत कुशवाहा, 6 प्रतिशत कोइरी और 2 प्रतिशत अन्य- से कह रहे हैं कि वोट दो, हम तुम्हें डिप्टी सीएम बना देंगे. मुसलमानों से कहते हैं कि हम तुम्हें बीजेपी की साजिशों से बचाएंगे. लेकिन हकीकत यह है कि मुसलमानों ने ठान लिया है- अब हम यादवों को बीजेपी से बचाएंगे. और मुसलमान खुद डिप्टी सीएम बनने को तैयार हैं.”
उन्होंने RJD नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि गठबंधन की बातें सिर्फ वोट बटोरने के लिए हैं, लेकिन मुसलमानों को कभी सच्ची हिस्सेदारी नहीं मिली. उन्होंने कहा कि AIMIM ने गठबंधन के लिए लालू प्रसाद और तेजस्वी को पत्र लिखे, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. अब AIMIM तीसरा विकल्प बनेगा, जो मुसलमानों की असली आवाज होगा.”
AIMIM ने 2025 चुनावों के लिए 32 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है, जिसमें किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार जैसे मुस्लिम बहुल इलाके शामिल हैं. पार्टी का दावा है कि वे गैर-मुस्लिम उम्मीदवारों को भी टिकट देकर अपनी अपील बढ़ा रहे हैं. एक वरिष्ठ AIMIM नेता ने कहा, “यह बयान मुसलमानों में जागृति लाने के लिए है. वे अब वोट बैंक नहीं, सियासी ताकत बनना चाहते हैं.”
बिहार में मुसलमानों की आबादी करीब 18 प्रतिशत है, जो चुनावी समीकरण में निर्णायक भूमिका निभाती है. RJD का MY फॉर्मूला लंबे समय से कामयाब रहा है, लेकिन AIMIM की एंट्री से यह टूटने की कगार पर है. पार्टी चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में दरभंगा में कहा था, “यादव, पासवान, ठाकुर—हर समुदाय का अपना नेता है, लेकिन 19 प्रतिशत मुसलमानों का कोई नेता नहीं.” ओवैसी ने मुसलमानों को एकजुट होने का आह्वान किया था.

