Biggest regret of Rahul Dravid career was decision taken on advice of Sachin Tendulkar revealed after 14 years | राहुल द्रविड़ को अब तक इस बात का पछतावा, सचिन तेंदुलकर की सलाह पर लिया था फैसला, 14 साल बाद किया खुलासा

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Biggest regret of Rahul Dravid career was decision taken on advice of Sachin Tendulkar revealed after 14 years | राहुल द्रविड़ को अब तक इस बात का पछतावा, सचिन तेंदुलकर की सलाह पर लिया था फैसला, 14 साल बाद किया खुलासा



Rahul Dravid Sachin Tendulkar: भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी और पूर्व मुख्य कोच राहुल द्रविड़ इन दिनों काफी चर्चा में हैं. रविचंद्रन अश्विन को दिए इंटरव्यू के बाद उनसे जुड़ी अलग-अलग तरह की खबरें सामने आ रही हैं. द्रविड़ ने अश्विन के सामने कई खुलासे किए. उन्होंने मौजूदा टीम इंडिया, कोचिंग कार्यकाल और टीम इंडिया के लिए खेलने के समय के बारे कई कहानियां सुनाईं. उन्होंने महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से जुड़ा किस्सा भी सुनाया. यह भी बताया कि क्रिकेट करियर में किस बात पछतावा उन्हें आज तक है.
इंग्लैंड दौरे की घटना
द्रविड़ ने एक घटना को याद किया है. उन्होंने बताया कि उन्हें सचिन तेंदुलकर की सलाह न मानने का अफसोस है. पूर्व भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के साथ एक इंटरव्यू में द्रविड़ ने कहा कि 2011 में इंग्लैंड के निराशाजनक दौरे के दौरान जब उन्हें आउट दिया गया था, तो उन्होंने डीआरएस (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) का इस्तेमाल न करने का अफसोस है. उस समय सचिन तेंदुलकर ने भी उन्हें डीआरएस न लेने की सलाह दी थी, लेकिन बाद में रीप्ले में पता चला कि द्रविड़ आउट नहीं थे.

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द्रविड़ को डीआरएस नहीं लेने का अफसोस
द्रविड़ ने अश्विन से बातचीत में याद करते हुए कहा, ”एक बार मुझे डीआरएस न लेने का अफसोस हुआ था. यह 2011 में इंग्लैंड के एडगबास्टन टेस्ट के दौरान की बात है. मैंने जेम्स एंडरसन की गेंद पर ड्राइव किया और मुझे एक आवाज सुनाई दी, लेकिन बल्ले पर कुछ महसूस नहीं हुआ. कभी-कभी एक बल्लेबाज के रूप में आप ऐसा महसूस करते हैं. एक तेज आवाज थी, लेकिन मुझे बल्ले पर कुछ भी महसूस नहीं हुआ.”
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टॉफेल पर द्रविड़ को था भरोसा
ऑस्ट्रेलियाई अंपायर साइमन टॉफेल ने उन्हें विकेट के पीछे कैच आउट दे दिया था. टॉफेल पांच बार ‘आईसीसी अंपायर ऑफ द ईयर’ का खिताब जीत चुके हैं. दूसरे छोर पर खड़े सचिन तेंदुलकर से बात करने के बाद द्रविड़ ने अंपायर के फैसले को चुनौती नहीं देने का फैसला किया. हालांकि, यह फैसला गलत साबित हुआ. द्रविड़ ने याद करते हुए कहा, ”एक आवाज आई थी. साइमन टॉफेल एक सम्मानित और अच्छे अंपायर थे. जब वह कोई फैसला देते थे तो आप उन पर ज्यादा सवाल नहीं उठाते थे. उन्होंने मुझे आउट दिया और मैं सचिन के पास गया और कहा कि मुझे बल्ले पर कुछ महसूस नहीं हुआ.”
जूते के फीते से हुई थी आवाज
द्रविड़ ने कहा, ”सचिन ने कहा मुझसे कहा कि बहुत जोर की आवाज थी यार राहुल, मुझे यकीन है कि तुमने उसे मारा था. और मैंने सोचा शायद हां, यह उन चीजों में से एक थी क्योंकि मैंने भी आवाज सुनी थी. ड्रेसिंग रूम में लौटने के बाद और रीप्ले देखने के बाद द्रविड़ को पता चला कि गेंद बल्ले से पूरी तरह से चूक गई थी और आवाज वास्तव में उनके बल्ले के उनके जूते के फीते से टकराने के कारण हुई थी.
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द्रविड़ ने बरसाए थे रन, लेकिन सीरीज में मिली थी हार
2011 की उस सीरीज में भारतीय टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद द्रविड़ टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी थे. महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत को मेजबान इंग्लैंड ने 4-0 से हराया था. द्रविड़ ने चार टेस्ट में तीन शतक सहित 461 रन बनाए. वह उस सीरीज में किसी भी बल्लेबाज द्वारा तीसरा सबसे ज्यादा स्कोर था. उन्होंने सचिन तेंदुलकर से 188 रन ज्यादा बनाए थे. वह सीरीज में भारत के लिए दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे.



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