Biggest lie about spine health back becomes strong not just by sitting correctly but by thinking correctly | स्पाइन हेल्थ का सबसे बड़ा झूठ! सिर्फ सही बैठने से नहीं, सही सोच से होती है कमर मजबूत

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Biggest lie about spine health back becomes strong not just by sitting correctly but by thinking correctly | स्पाइन हेल्थ का सबसे बड़ा झूठ! सिर्फ सही बैठने से नहीं, सही सोच से होती है कमर मजबूत



क्या आप भी मानते हैं कि कमर दर्द से बचने के लिए बस सीधा बैठना, हेल्दी खाना और नियमित एक्सरसाइज ही काफी है? अगर हां, तो आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह धारणा अधूरी है. विशेषज्ञों का कहना है कि रीढ़ की हड्डी यानी स्पाइन की सेहत केवल शारीरिक आदतों से नहीं, बल्कि मानसिक स्थिति से भी गहराई से जुड़ी होती है. दरअसल, आपकी कमर आपके मन का आइना होती है0 जैसा मन, वैसा तन.
जब हमारा मन चिंता, डर, असमंजस या तनाव से भरा होता है, तो शरीर अनजाने में उस मानसिक तनाव को अपनाने लगता है. भले ही आप जान-बूझकर सीधा बैठने की कोशिश करें, लेकिन यदि मन असंतुलित है, तो शरीर खुद-ब-खुद ढीला पड़ जाएगा, कंधे झुक जाएंगे और रीढ़ का बैलेंस बिगड़ जाएगा. इसका नतीजा होता है कमर दर्द, थकान और पोस्टर की खराबी.
तनाव का असर रीढ़ पर कैसे पड़ता है?न्यूरोकेयर इंडिया के डायरेक्टर और न्यूरोसर्जन डॉ.पीके झा बताते हैं कि मानसिक तनाव शरीर में एक केमिकल रिएक्शन शुरू कर देता है. कोर्टिसोल और अन्य स्ट्रेस हार्मोन्स मसल्स को सख्त कर देते हैं, खासकर पीठ और गर्दन के आस-पास. इसके चलते रीढ़ की हड्डी के आस-पास की मसल्स खिंच जाती हैं, और लिगामेंट्स कमजोर पड़ने लगते हैं. लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहे, तो क्रॉनिक बैक पेन और स्पाइन डिस्क की समस्याएं जन्म ले सकती हैं.
शरीर नहीं, मन से शुरू होती है इलाज की राहहम अक्सर स्पाइन हेल्थ को सुधारने के लिए डॉक्टर, फिजियोथेरेपी, सप्लीमेंट्स या कुशन की तरफ भागते हैं. लेकिन असल इलाज भीतर छिपा होता है मन की शांति. जब मन शांत, स्थिर और पॉजिटिव होता है, तो शरीर भी उसका अनुसरण करता है. आपकी चाल, बैठने का ढंग, रीढ़ की स्थिति सब कुछ बदलने लगता है.
सही सोच, सीधी रीढ़एक सीधी रीढ़ की शुरुआत सीधी सोच से होती है. जब आप डर, तनाव और अनिश्चितता से खुद को मुक्त करते हैं, तो शरीर अपने आप हल्का महसूस करने लगता है. कमर सीधी रहती है, मसल्स मजबूत होती हैं और पीठ दर्द धीरे-धीरे गायब हो जाता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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