सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: सनातन धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए मंगलसूत्र बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इसे सुहाग की निशानी भी माना जाता है. कहा जाता है बिना मंगलसूत्र के सुहागिन महिलाओं का श्रृंगार अधूरा माना जाता है. धार्मिक दृष्टि से मंगलसूत्र का संबंध भगवान शंकर और माता पार्वती से माना गया है. मंगलसूत्र में काले मोतियों और सोने को शिव पार्वती के बंधन का प्रतीक भी होता है. ज्योतिष के मुताबिक सोने का संबंध भगवान विष्णु से है तो काले मोतियों का संबंध शनि देव से होता है.अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि मंगलसूत्र सुहागिन महिलाओं के लिए सुहाग की निशानी होता है. मंगलसूत्र जब सुहागिन महिलाएं धारण करती हैं तो न सिर्फ उनकी सुंदरता में निखार आता है बल्कि धार्मिक मान्यता के अनुसार पति की रक्षा भी होती है. लेकिन अक्सर कई बार ऐसा देखा जाता है की कभी किसी महिला को कहीं आना-जाना हुआ तो वह दूसरे का मंगलसूत्र धारण कर लेती है ऐसा कदापि नहीं करना चाहिए.दूसरे का मंगलसूत्र बन सकता है आफतज्योतिषी पंडित कल्कि राम ने बताया कि किसी दूसरे का मंगलसूत्र कभी नहीं धारण करना चाहिए. ऐसी गलती करने से पति निर्धन होता है. आय के सभी साधन बंद हो जाते हैं और कई तरह की विपत्ति सताने लगती हैं. इस वजह से हमेशा स्वयं का ही मंगलसूत्र पहनना चाहिए और न ही अपना मंगलसूत्र किसी दूसरी महिला को देना चाहिए. ऐसा करना अशुभ होता है. किसी कारणवश मंगलसूत्र खो गया या फिर कोई और बात है तो फिर गले में काला धागा डालना चाहिए.(नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र द्वारा आधारित है न्यूज़ 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है).FIRST PUBLISHED : November 4, 2023, 13:15 IST
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