Last Updated:June 25, 2025, 19:29 ISTBhindi ki Kheti Mein Pest Control: किसानों के लिए भिंडी की फसल में फल छेदक कीट से सावधानी जरूरी है. कन्नौज के कृषि विशेषज्ञ डॉ. अरविंद सिंह ने फल छेदक से बचाव के लिए फेरोमोन ट्रैप, नीम तेल और सही कीटनाशकों के इ…और पढ़ेंहाइलाइट्सभिंडी की खेती में फल छेदक कीट का खतरा मंडरा रहा है.फेरोमोन ट्रैप और नीम तेल इस कीट से छुटकारा दिला सकता है.फल छेदक कीट नियंत्रण के लिए 150 लीटर पानी में 50 ML देहात कटर मिलाकर छिड़के.Bhindi ki Kheti: भिंडी की खेती करने वाले किसानों के लिए इस समय विशेष सावधानी बरतना बेहद जरूरी हो गया है. भिंडी की फसल में इस समय कुछ ऐसे कीट सक्रिय हो गए हैं, जो फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इनमें से एक खास कीट है ‘फल छेदक’ जिसे तना छेदक भी कहा जाता है. यह कीट भिंडी के तने को अंदर से खोखला कर देता है, जिससे फसल खराब होने लगती है. कई बार किसान देखते हैं कि भिंडी टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती है, तब समझ लेना चाहिए कि कीट का प्रकोप है.अगर समय रहते इस कीट नियंत्रण के लिए सही कदम नहीं उठाए गए तो किसान को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसलिए फसल की सुरक्षा के लिए कुछ खास उपाय अपनाना जरूरी है.
भिंडी को फल छेदक कीट से बचाने के उपाय• फेरोमोन ट्रैप लगाएं: प्रति एकड़ खेत में 6-8 फेरोमोन ट्रैप लगाकर कीटों को आकर्षित करके पकड़ा जा सकता है.• प्रभावित हिस्सों को हटाएं: भिंडी के ऐसे हिस्सों को पौधों से अलग कर नष्ट कर देना चाहिए ताकि कीट और न फैले.• कीटनाशकों का छिड़काव: फल छेदक कीट नियंत्रण के लिए 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात कटर मिलाकर छिड़काव करें.• नीम का तेल उपयोग करें: प्रति लीटर पानी में 5 मिलीलीटर नीम का तेल मिलाकर जैविक नियंत्रण के लिए छिड़काव किया जा सकता है.
इन उपायों को अपनाकर किसान अपनी फसल को बड़े नुकसान से बचा सकते हैं.
कृषि वैज्ञानिक क्या कहते हैं?कृषि वैज्ञानिक डॉ. अरविंद सिंह ने बताया कि भिंडी की खेती में फल छेदक नाम का कीट एक बड़ी समस्या बन सकता है. उन्होंने कहा कि किसान नीम के तेल का सही मात्रा में छिड़काव करके अपनी फसल को काफी हद तक बचा सकते हैं. इसके अलावा, कृषि विशेषज्ञों की सलाह लेकर मानक कीटनाशकों का प्रयोग भी करना चाहिए ताकि फसल को पूरी तरह सुरक्षित रखा जा सके.
Location :Kannauj,Uttar Pradeshhomeagricultureभिंडी टेढ़ी दिखे तो समझो खतरे की घंटी! ये एक गलती करा देगी लाखों का नुकसान