पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जिनमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के संबंध में चल रही विवाद और केंद्र के आठ लाख से अधिक लाभार्थियों के राशन कार्ड को रद्द करने का प्रस्ताव शामिल है।
भगवंत मान ने केंद्र के निर्णय का विरोध करते हुए कहा है कि यह एक साजिश है जिसका उद्देश्य पंजाब के लोगों को उनके खाद्य सुरक्षा का अधिकार से वंचित करना है। उन्होंने केंद्र को पंजाब और उसके लोगों को डराने का आरोप लगाया है।
पंजाब सरकार ने घोषणा की है कि वह एनएफएसए लाभार्थी सूची से किसी भी नाम को हटाने की अनुमति नहीं देगी, और भगवंत मान ने पंजाब के लोगों को आश्वस्त किया है कि वह केंद्र के कार्यों के कारण किसी भी लाभार्थी को पीड़ित नहीं होने देंगे।
विवाद के कारण पंजाब सरकार और केंद्र के बीच शब्दों का युद्ध शुरू हो गया है, जिसमें केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भगवंत मान पर तथ्यों को गलत बताने का आरोप लगाया है और कहा है कि केंद्र ने पंजाब में एनएफएसए लाभार्थियों को हटाया नहीं है।
भगवंत मान ने केंद्र के पंजाब में बाढ़ से निपटने के तरीके की भी आलोचना की है, उन्होंने केंद्र को पंजाब को पर्याप्त सहायता प्रदान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने घोषणा की है कि पंजाब सरकार हर बाढ़ से होने वाले नुकसान की भरपाई करेगी।
एक अलग घटनाक्रम में, भगवंत मान ने घोषणा की है कि पंजाब सरकार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा शुरू किए गए मुफ्त नाश्ता योजना का अध्ययन करेगी, ताकि पंजाब में इसे दोहराया जा सके।
पंजाब सरकार ने घोषणा की है कि वह प्रतिबंधित पूसा 44 प्रकार के धान की खरीद नहीं करेगी, और भगवंत मान ने पंजाब के लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य प्रदान करने के अपने प्रतिबद्धता को व्यक्त किया है।
भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशी यात्राओं पर अपने बयानों के लिए भी चर्चा में रहे हैं, जिसके लिए विदेश मंत्रालय ने उन पर “अनुचित” होने का आरोप लगाया है। हालांकि, भगवंत मान ने अपने बयानों का समर्थन किया है, उन्होंने कहा है कि उन्हें प्रधानमंत्री के विदेशी यात्राओं के बारे में सवाल करने का अधिकार है।
पंजाब सरकार ने घोषणा की है कि वह पंजाब के लोगों के अधिकारों को छीनने की अनुमति नहीं देगी, और भगवंत मान ने पंजाब के ल