रिपोर्ट:विशाल भटनागर
मेरठ: सावन में शिव भक्त कांवड़ लेकर देश के प्रसिद्ध शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए पहुंच रहे हैं.पश्चिम उत्तर प्रदेश west uttar-pradesh में तो कांवड़ यात्रा का नजारा अलौकिक और भव्य देखने को मिल रहा है. हर कोई भक्ति और भगवा रंग में रंगा नजर आ रहा है. इस पावन महीने में एक और यात्रा भक्ति के रंग में रंगी हुई दिखाई दी, जो कि मध्यप्रदेश के देवास से गुरु पूर्णिमा के दिन उज्जैन में महाकालेश्वर के दर्शन करने के बाद मथुरा, वृंदावन, मेहंदीपुर बालाजी होते हुए मेरठ पहुंची है. यह यात्रा कोई गाड़ी पर नहीं बल्कि साइकिल पर शुरू हुई है. जो कुल 2100 किलोमीटर का सफर तय करते हुए नौ देवियों सहित विभिन्न धार्मिक स्थल के दर्शन कर वापस अपने जिले पहुंचेगी.
भारत को विश्व गुरू बनाने की कल्पनाधार्मिक साइकिल यात्रा के संयोजक दीपक ने News18local से खास बातचीत करते हुए बताया कि. भारत विश्व गुरु बने और सनातन धर्म संस्कृति का प्रचार-प्रसार हो सके.इसलिए वह इस यात्रा पर निकलते हैं. जब यह यात्रा 16 वर्ष पहले शुरू हुई थी तो 4 लोग इस यात्रा में शामिल हुए थे. लेकिन अब हर साल संख्या बढ़ती जा रही है. कभी कांवड़ यात्रा में 20 लोग साथ निकले हैं तो कबी 25 कांवड़िए यात्रा पर निकलते हैं. हालांकि इस बार 13 सदस्य टीम ही निकली है.
साइकिल यात्रा से देश की 9 देवियों का करते हैं दर्शनधार्मिक स्थलों के दर्शन करने के लिए टीम साइकिल से यात्रा करती है. शाम के समय जिस भी जनपद में पहुंचते हैं. वहां पर रात्रि विश्राम करते हैं. उसके बाद फिर सुबह 6:00 बजे मां वैष्णो देवी का जयकारा लगाते हुए यात्रा पर निकल जाते हैं. बताते चलें कि इस यात्रा में शामिल लोग उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करते हैं.उसके बाद मेहंदीपुर बालाजी, मथुरा, वृंदावन, मेरठ से हरिद्वार, वैष्णो देवी, नैना देवी, ज्वाला देवी, शाकुंभरी देवी सहित अन्य सभी नौ देवियों के दर्शन करने के बाद वापस देवास पहुंचते.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |FIRST PUBLISHED : July 27, 2022, 00:43 IST
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