भारत का एक खूंखार तेज गेंदबाज ऐसा रहा है, जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा दुश्मन था. भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच पर दुनियाभर के क्रिकेट फैंस की नजर रहती है. भारत-पाकिस्तान मैच में तनाव, रोमांच और गुस्सा सब देखने को मिलता है और इस स्थिति में जो भी खिलाड़ी अपने प्रदर्शन और जज्बे से टीम को जीत दिलाता है, वो क्रिकेट की दुनिया में लोकप्रिय हो जाता है. वेंकटेश प्रसाद एक ऐसा ही नाम है.
भारत का खूंखार गेंदबाज
वेंकटेश प्रसाद दाएं हाथ के तेज गेंदबाज थे. 1996 के क्वार्टर फाइनल मैच में भारत-पाकिस्तान आमने-सामने थे. इस मैच की एक घटना क्रिकेट इतिहास की सर्वाधिक प्रचलित घटनाओं में से एक है और इसके केंद्र में वेंकटेश प्रसाद थे. दरअसल, पाकिस्तान के कप्तान आमिर सोहेल ने वेंकटेश प्रसाद की गेंद पर चौका लगाने के बाद उन्हें चिढ़ाने का प्रयास किया.
पाकिस्तान का सबसे बड़ा दुश्मन
वेंकटेश प्रसाद ने अगली ही गेंद पर आमिर सोहेल को बोल्ड मारकर न सिर्फ उनकी, बल्कि पाकिस्तान की बोलती बंद कर दी थी. उस मैच को जीतकर भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी. मैच में वेंकटेश प्रसाद ने शानदार गेंदबाजी की थी और 10 ओवर में 45 रन देकर 3 विकेट लेते हुए भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी.
25 साल की उम्र में भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया
5 अगस्त 1969 को बेंगलुरु में जन्मे वेंकटेश प्रसाद ने 1994 में 25 साल की उम्र में भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया था. 1994 से लेकर 2001 तक वह टेस्ट और वनडे में जवागल श्रीनाथ और अनिल कुंबले के साथ भारतीय गेंदबाजी की मजबूत कड़ी थे. वेंकटेश प्रसाद ने सात साल के अपने करियर में 33 टेस्ट और 161 वनडे खेले. उन्होंने टेस्ट में 96 और वनडे में 196 विकेट लिए.
आरसीबी और पंजाब की टीम से बतौर कोच जुड़े रहे
क्रिकेट से 2005 में संन्यास लेने के बाद वेंकटेश प्रसाद बतौर कमेंटेटर और कोच सक्रिय रहे हैं. 2006 में अंडर-19 विश्व कप खेलने वाली भारतीय टीम के वह कोच रहे थे. प्रसाद 2007 में धोनी की कप्तानी में टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच रहे थे. वह आईपीएल में आरसीबी और पंजाब की टीम से बतौर कोच जुड़े रहे हैं.
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