Bhimseni Camphor Health Uses: धार्मिक दृष्टि से भी कपूर अहम है. इसका इस्तेमाल पूजा-हवन में किया जाता है. कोरोना का दौर लोग भूले नहीं हैं. उस समय कई लोग लौंग और कपूर की पोटली अपने पास रखते थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आमतौर पर मिलने वाला कपूर नकली और सिंथेटिक होता है? लेकिन भीमसेनी ही है जो शुद्ध कपूर के तौर पर अपना दबदबा बनाए हुए है.
भीमसेनी कपूर कैसे मिलता है?भीमसेनी कपूर एक नेचुरल कपूर है, जो पेड़ से मिलता है. यह बड़े टुकड़ों में, इरेगुलर साइज के और थोड़े भूरा या पीले होते हैं. इसकी सुगंध थोड़ी तीखी लेकिन बहुत शुद्ध होती है और जलाने पर यह पूरी तरह जल जाता है, कोई अवशेष नहीं छोड़ता. आयुर्वेदिक दवाओं में इसी नेचुरल कपूर का इस्तेमाल किया जाता है.
भीमसेनी कपूर का इस्तेमालसुश्रुत संहिता में भीमसेनी कपूर को “चक्षुष्य (नेत्रों के लिए सुखदायक) बताया गया है, जिसका इस्तेमाल आंखों में ठंडक लाने या आंखों को अट्रैक्टिव बनाने के लिए किया जाता है. इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो स्किन में होने वाली जलन, खुजली और फटे पैरों के इस्तेमाल में मदद करते हैं.
डाइजेशन सिस्टम के लिए फायदेमंदचरक संहिता में बताया गया है कि भीमसेनी कपूर डाइजेशन सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करता है, साथ ही यह भूख बढ़ाता है और पाचन से जुड़ी समस्या में भी फायदेमंद है. यह कपूर सांस लेने में होने वाली समस्याओं को कम करने में मदद करता है और लंग्स इंफेक्शन को ठीक करने में भी मददगार है.
कैसे जलाएं भीमसेनी कपूर?भीमसेनी कपूर को डिफ्यूजर या कपूरदानी में जलाकर कमरे में सुगंध फैलाएं. इसी के साथ ही नारियल तेल में कपूर मिलाकर सिर की मालिश भी कर सकते हैं. कपूर की सुगंध कीड़े-मकोड़ों (मच्छर, कॉकरोच) को भगाने और हवा को शुद्ध करने में मददगार है.
कपूर को घर में जलाएंज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसे जलाने से घर में खुशियां आती हैं और भाग्य तेज होता है. साथ ही, इसकी सुगंध मन को शांत करने और स्ट्रेस को कम करने में मदद करती है, जिससे कंसंट्रेशन बढ़ती है.–आईएएनएसएनएस/केआर
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