Last Updated:July 19, 2025, 21:28 ISTShivas favorite flower Parijat: सावन का पवित्र महीना चल रहा है. ऐसा माना जाता है कि ये महीना भगवान शिव का अति प्रिय है. ऐसे में लोग इस महीने शिवार्चन आदि तरह के अनुष्ठान कर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते ह…और पढ़ेंबाराबंकी मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित महाभारत कालीन पौराणिक देववृक्ष पारिजात इस समय शिव भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. ऐतिहासिक धरोहर पारिजात वृक्ष में आए स्वर्ण आभा वाले सुंदर पुष्प पर्यटकों को खास तौर पर लुभा रहे हैं. माना जाता है कि भगवान शिव को यह पुष्प बहुत प्रिय है, इसलिए सावन में इन पुष्पों को भगवान शिव को अर्पित करने के लिए श्रद्धालु उत्सुक है. भगवान शिव पर चढ़ाए गए पारिजात पुष्प को घर में रखने से धन-धान्य की वृद्धि होने की मान्यता है.
करीब चार माह के पतझड़ के बाद पहले इस वृक्ष में हरी-भरी पत्तियां आईं और अब इस पेड़ में हजारों की संख्या में स्वर्ण आभा वाले सुंदर पुष्प खिले हैं, जो भगवान लोधेश्वर के दर्शन करने आए भक्तों को मोहित कर रहे है. यहां आने वाले पर्यटक इन सुंदर पुष्पों के साथ खूब सेल्फी भी ले रहे है. लोग पुष्प को अपने साथ ले जाने का प्रयास भी कर रहे है.
लोगों का कहना है कि पारिजात वृक्ष के पुष्प को रखने से मन में शांति एवं धन की प्राप्ति होती है, जिसके लिए लोग इस सुंदर पुष्प को ले जाने के लिए व्याकुल रहते है. यहां के पुजारी भरत दास ने बताया कि यह पारिजात समुद्र मंथन में निकले चौदह रत्नों में से एक पारिजात वृक्ष है. अज्ञातवास के दौरान अर्जुन ने माता कुंती के लिए स्वर्ग लोक से पारिजात वृक्ष को लाकर यहां स्थापित किया था. पुजारी भरत दास ने यह भी बताया कि इन्हीं पारिजात पुष्पों से माता कुंती ने भगवान शिव की पूजा की थी जिससे पांडवों को महाभारत युद्ध में विजय मिली थी.
इस संबंध में जिला वन अधिकारी आकाश दीप बाधवान ने बताया कि बाराबंकी जिले में स्थित पारिजात वृक्ष पौराणिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. सावन माह में पारिजात के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनके सुख-सुविधा के लिए क्षेत्रीय वन अधिकारी को निर्देशित किया गया है.
पारिजात वृक्ष जैव विविधता के साथ ही लोगों की आस्था से भी बहुत महत्वपूर्ण है. इसी कारण लोगों को पारिजात वृक्ष की महत्ता की जानकारी देने के लिए जगह-जगह साइनेज बोर्ड लगाए गए है और वन विभाग लगातार इस पौराणिक वृक्ष की देखरेख करता है. एनबीआरआई के वैज्ञानिकों के सहयोग से इस वृक्ष का लगातार उपचार भी किया जाता है.Location :Bara Banki,Uttar Pradeshhomedharmबेलपत्र ही नहीं, भगवान शिव को प्रिय है ये पौधा; अर्पित करने से पूरी होगी मुराद