बेहद शर्मिला होता है यह छोटा सा जानवर, इसके आगे तेंदुआ-बाघ भी मान लेते हैं हार, जानिए खासियत

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Last Updated:August 18, 2025, 08:50 ISTPilibhit News: पीलीभीत टाइगर रिजर्व में भारतीय पैंगोलिन पाए जाते हैं, जो शर्मीले और दुर्लभ होते हैं. इनके मजबूत स्केल्स के कारण शिकारी जानवर भी हार मान लेते हैं. चीन में तस्करी के कारण ये क्रूरता का शिकार होते …और पढ़ेंपीलीभीत. बाघ और तेंदुए दोनों ही अपने आप में टॉप प्रेडेटर (उच्चतम शिकारी) माने जाते हैं, इनसे छोटे सभी जानवर इनका भोजन होते हैं. लेकिन कई जानवर ऐसे भी होते हैं, जिनके शिकार में ये शिकारी भी पानी मांग जाते हैं. अंत में थक हारकर उन्हें दूसरे शिकार तलाशने पड़ते हैं. ऐसा ही जानवर है पैंगोलिन (Pangolin) इसे चींटीख़ोर भी कहते हैं.

आमतौर पर भारत में दो तरह के पैंगोलिन पाए जाते हैं, भारतीय व चाइनीज. अगर पीलीभीत टाइगर रिजर्व की बात करें तो यहां भारतीय पैंगोलिन पाए जाते  हैं. वन्यजीव विशेषज्ञ व शोधकर्ता प्रांजलि भुजबल के मुताबिक यह वन्यजीव बेहद शर्मीला व दुर्लभ होता है. लेकिन पीलीभीत टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में अक्सर इस देखा जाता है.

भारतीय पैंगोलिन की खासियत
आमतौर पर भारतीय पैंगोलिन का वजन 10 से 16 किलोग्राम के बीच होता है. वहीं इसकी लंबाई 20 से 30 इंच तक होती है. यह एक रात्रिचर जीव होता है और चींटी व दीमक इसका भोजन होते हैं. इसे अन्य वन्यजीव से अलग व अनोखा बनाते हैं इसके शरीर पर मौजूद मजबूत स्केल, यही स्केल्स इनके कवच का काम करते हैं. इसी कवच के चलते अच्छे अच्छे शिकारी जानवर भी इसके आगे हार मान लेते हैं. अगर इसके व्यवहार की बात करें तो यह बेहद शर्मीला है. यही कारण है कि इसे देखना काफी मुश्किल होता है.

शर्मीला होने के बावजूद भी होता है क्रूरता का शिकार

सबसे शर्मीला होने के बावजूद भी सबसे अधिक क्रूरता का शिकार यही बनते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार हर 3 मिनट में इस खूबसूरत वन्यजीव का शिकार होता है. गौरतलब है कि चीन वन्यजीव तस्करी का सबसे बड़ा केंद्र है. तमाम दुर्लभ वन्यप्राणियों की तस्करी कर उन्हें चीन ले जाया जाता है. जहां इनका उपयोग भोजन व तथाकथित शक्तिवर्धक दवाओं के लिए किया जाता है. प्रांजलि भुजबल का कहना है कि हम अप्रत्यक्ष रूप से भी वन्यजीवों के शिकार को रोक सकते हैं. हमें अपने दैनिक जीवन में ऐसी किसी भी वस्तु के सेवन से बचना चाहिए, जिसके लिए वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाया जाता है. वन्यजीव सुरक्षित रहेंगे तभी प्रकृति सुरक्षित रहेगी.Lalit Bhattमीडिया फील्ड में एक दशक से अधिक से सक्रिय. वर्तमान में News18 हिंदी में कार्यरत. 2010 से नई दुनिया अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की.फिर हिंदुस्तान, ईटीवी भारत, वेबदुनिया समेत कई जगहों पर रिपोर्टिंग और डेस्क मे…और पढ़ेंमीडिया फील्ड में एक दशक से अधिक से सक्रिय. वर्तमान में News18 हिंदी में कार्यरत. 2010 से नई दुनिया अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की.फिर हिंदुस्तान, ईटीवी भारत, वेबदुनिया समेत कई जगहों पर रिपोर्टिंग और डेस्क मे… और पढ़ेंन्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Pilibhit,Pilibhit,Uttar PradeshFirst Published :August 18, 2025, 08:50 ISThomeuttar-pradeshबेहद शर्मिला होता है यह छोटा सा जानवर, इसके आगे तेंदुआ-बाघ भी मान लेते हैं हार

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