Personal Finance tips for women investors: एक आम इंसान जब निवेश की बात करता है तो उसका पहला सवाल होता है- इस पर मुझे कितना रिटर्न मिलेगा. इसके बाद उसका दूसरा सवाल होता है- मेरा निवेश किया हुआ पैसा डूब तो नहीं जाएगा. महिलाएं भी, जो निवेश की जर्नी पर हाल ही में आगे बढ़ी हैं, वे निवेश के लिए ऐसे विकल्प ढूंढना चाहती हैं जहां शेयर मार्केट की भांति पैसे के डूबने का कोई खतरा न हो और रिटर्न भी अच्छा मिले.

सबसे सुरक्षित निवेश के विकल्प वे होते हैं जो बेहद कम जोखिम के साथ आपकी संपत्ति या धन को बढ़ाने में आपकी मदद करते हैं. निवेश ही पैसे में तेजी से इजाफा कर सकता है. इसलिए बचत के बाद पैसे का निवेश करना बेहद जरूरी है. आइए जानें भारत में फिलहाल चलन में मौजूद ऐसे इन्वेस्टमेंट ऑप्शन्स जिनमें पैसा लगाना आमतौर पर, पैसा बढ़ाना है, डुबोना नहीं.

राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस- National Pension System)

आप कामकाजी महिला हैं या फिर पार्टटाइम काम करती हैं, रिटायरमेंट के बाद या एक उम्र के बाद कमाई का जरिया संकुचित होने लगता है. किसी अनहोनी के चलते आपको बुढ़ापे का अपना सफर हो सकता है अकेले तय करना पड़े, ऐसे में यदि आप फाइनेंशली भी कमजोर पड़ गईं तो जीवन दुरुह होगा. एक खास उम्र के बाद मेडिकल खर्चे भी बढ़ने लगते हैं जबकि मासिक आय कम होने लगती है. यदि आपके बच्चे हैं तब भी आपको वक्त-बेवक्त पर उनके न होने की परिस्थिति को कंसिडर करना चाहिए. इसीलिए, जितना जल्दी हो सके, नेशनल पेंशन स्कीम में पैसा निवेश कर लें. आवेदकों की आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए और आपका केवाईसी दुरुस्त होना चाहिए. एनपीएस को दुनिया की सबसे कम लागत वाली पेंशन योजना माना जाता है.

अपने पैसे को लिक्विड फंड, कॉरपोरेट बॉन्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट के पोर्टफोलियो में निवेश करके लंबी अवधि में 10-14% तक का रिटर्न ले सकती हैं. यह धारा 80सी और 80सीसीडी(1बी) के तहत 2 लाख रुपये की कुल कटौती के संदर्भ में टैक्स बेनिफिट भी देता है. इसमें 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स लाभ मिलता है. हालांकि रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली रकम करयोग्य होती है. महिलाओं और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी ऐसी ही अधिक जानकारी के लिए आप यहां क्लिक कर सकती हैं.

सावधि जमा (एफडी-Fixed Deposit)

बैंक में सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज के मुकाबले इस पैसे के एक हिस्से को आप एफडी में लगाकर अधिक रिटर्न कमा सकती हैं. बैंकों में सावधि जमा को अभी भी सबसे सुरक्षित निवेशों में से एक माना जाता है. ब्याज की दर निश्चित होती है और बार बार जमा करने का झंझट भी नहीं होता है. अवधि एवं तमाम शर्तें व नियम वही रहते हैं जो निवेश के समय आपने देखे-समझे होंगे. समयावधि के मुताबिक अलग अलग ब्याज दर होती है. एकमुश्त निवेश बैंक के पास सुरक्षित रहता है और इसमें डिफॉल्ट की संभावना न के बराबर होती है. 5-वर्षीय कर बचत जमा पर तो आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80सी के तहत हर साल 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ भी ले सकती हैं. आपकी एफडी पर इसे बिना तुड़वाए लोन भी ले सकती हैं.

सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ- Public Provident Fund)

चक्रवृद्धि ब्याज वाला निवेश विकल्प है पीपीएफ जिसे परिपक्व होने में 15 साल लगते हैं. इसे पांच साल के लिए आगे भी बढ़ाया जा सकता है. साल में कम से कम 500 रुपये का निवेश इसमें जरूरी है और ज्यादा से ज्यादा डेढ़ लाख रुपये इसमें निवेश कर सकती हैं. बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोल सकती हैं और नकद, चेक या ऑनलाइन पैसा डाल सकती हैं. इस पर मिलने वाला ब्याज की वर्तमान दर लगभग 7.1% है. आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत पूर्ण कर छूट मिलती है. जरूरत पड़ने पर खास परिस्थितियों में 7वें वर्ष से आंशिक निकासी की अनुमति होती है. इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

सेविंग बॉन्ड (बचत बॉन्ड- Saving Bonds)

सरकार ने बचत बॉन्ड 2018 में पेश किए थे. भारत सरकार बचत बांड पर 7.75% वार्षिक ब्याज प्रदान देती है. इन पर सरकार की ओर से सॉवरन गारंटी मिलती है. जिसका सीधा सा अर्थ यह है कि ये पूरी तरह से निवेश का सुरक्षित विकल्प हो जाते हैं. इसमें आप 1000 रुपये के मामूली निवेश से भी शुरुआत कर सकते हैं. वहीं ब्याज दर गारंटीशुदा रिटर्न के साथ होती है. आरबीआई 7.75% की ब्याज दर के साथ इसे पेश करती है. यदि आपको फिक्स्ड रिटर्न और रिस्क-रहित निवेश करना है तो ये बेहतर विकल्प हैं. इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है मगर यह करयोग्य आय में गिना जाता है.
.Tags: Business news in hindi, FD Rates, Investment tips, Mutual funds, NPS, NSCs, PPF, Women’s FinanceFIRST PUBLISHED : March 28, 2024, 12:33 IST



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