क्रिसमस और नया साल नजदीक आ रहा है, जिसका लोगों को बेसब्री से इंतजार है. हालांकि, इस दौरान बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना बेहद जरूरी है. हाल ही में एक डॉक्टर ने ‘ग्रैनी पर्स सिंड्रोम’ नामक खतरे के प्रति चेतावनी दी है, जो बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.
ग्रैनी पर्स सिंड्रोम दरअसल एक ऐसी बीमारी है, जिसमें दादी-नानी के पर्स में मौजूद सामान्य वस्तुएं बच्चों के लिए खतरा बन सकती हैं. डॉक्टर के अनुसार, इन पर्स में अक्सर छोटे-छोटे सिक्के, दवाइयां या अन्य ऐसी चीजें होती हैं, जो बच्चों के गले में अटक सकती हैं या उन्हें जहर का खतरा हो सकता है.
सतर्क रहेंफेस्टिव सीजन के दौरान जब परिवार इकट्ठा होते हैं और बच्चे इधर-उधर खेलते रहते हैं, तब इस खतरे की संभावना और बढ़ जाती है. डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि दादी-नानी अक्सर अपने पर्स में दवाइयां और अन्य सामान रखते हैं, जो बच्चों की पहुंच में हो सकता है. यह विशेष रूप से तब खतरनाक हो जाता है जब ये दवाइयां बच्चों के लिए उपयुक्त कंटेनरों में सुरक्षित नहीं रखी जातीं.
दादा-दादी की दवाइयां जिम्मेदारएक अध्ययन के मुताबिक, 10% से 20% बच्चों में आकस्मिक विषाक्तता के मामलों के पीछे उनके दादा-दादी की दवाइयां जिम्मेदार होती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारों के दौरान ऐसे मामलों में बढ़ोतरी देखी जाती है, क्योंकि इस समय घरों में बच्चे ज्यादा सक्रिय होते हैं. डॉक्टर ने सभी माता-पिता को सलाह दी है कि वे दादी-नानी को इस खतरे के बारे में जागरूक करें और पर्स या दवाइयों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें. साथ ही, पर्स को ऊंचाई पर या किसी अलमारी में रखने की सलाह दी गई है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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