bcci strict action on former mumbai t20 league owner imposed ban over match fixing charges | IPL के बीच आई बड़ी खबर, BCCI ने फिक्सिंग मामले में इस टीम के मालिक पर लगाया बैन

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bcci strict action on former mumbai t20 league owner imposed ban over match fixing charges | IPL के बीच आई बड़ी खबर, BCCI ने फिक्सिंग मामले में इस टीम के मालिक पर लगाया बैन



BCCI Imposed Ban: आईपीएल 2025 के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के लोकपाल न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) अरुण मिश्रा ने मुंबई टी20 लीग फ्रेंचाइजी के पूर्व सह मालिक गुरमीत सिंह भामराह पर बैन लगा दिया है. शहर के खिलाड़ियों धवल कुलकर्णी और भाविन ठक्कर से टूर्नामेंट 2019 चरण के दौरान फिक्सिंग के लिए संपर्क करने के लिए उन पर यह एक्शन लिया गया है.
लाइफटाइम बैन भी हो सकता है
मीडियम पेसर धवल कुलकर्णी ने 12 वनडे और कुछ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है. भामराह अब बंद हो चुकी जीटी20 कनाडा से भी जुड़े थे और अब मुंबई टी20 लीग का हिस्सा भी नहीं हैं, जिसे 2019 चरण के बाद कोविड के कारण निलंबन के बाद इस साल फिर से शुरू किया जा रहा है. वह सोबो सुपरसोनिक्स के सह मालिक थे. आदेश की प्रति में प्रतिबंध की अवधि नहीं दी गई है लेकिन बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी संहिता (ACU) के अनुसार यह 5 साल से लेकर आजीवन बैन तक कुछ भी हो सकता है. 
BCCI ने लिया एक्शन
BCCI की ACU संहिता के अनुसार, ‘जांच पूरी होने पर एसीयू ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और जिसमें उसने सिफारिश की कि प्रतिवादी पर बीसीसीआई एसीयू के अनुच्छेद 2.1.3, 2.1.4, 2.4.1 के साथ अनुच्छेद 2.5.1 और प्रतिभागियों के लिए अनुच्छेद 2.5.2 के तहत आरोप लगाए जाएं.’ इसमें कहा गया, ‘ACU ने आगे सिफारिश की कि संहिता के अनुच्छेद 4 और अनुच्छेद 5 के प्रावधानों के तहत प्रतिवादी के खिलाफ उचित आदेश पारित किए जा सकते हैं.’ बीसीसीआई की एसीयू संहिता के अनुसार अनुच्छेद 2.1.1 या 2.1.2 या 2.1.3 या 2.1.4 के तहत कोई भी अपराध न्यूनतम 5 साल और अधिकतम आजीवन बैन का होगा. 
मैच फिक्सिंग के लिए किया संपर्क
आदेश की प्रति में कहा गया है कि सोनू वासन नामक व्यक्ति ने भामराह के कहने पर मैच फिक्स करने के लिए ठक्कर से संपर्क किया था. खिलाड़ियों ने भामराह को ‘पाजी’ कहा. इसके अनुसार, ‘बातचीत की प्रतिलिपि से पता चलता है कि सोनू वासन ने प्रतिवादी की ओर से भाविन ठक्कर को पैसे और अन्य लाभ की पेशकश की. प्रतिवादी की ओर से किए गए पूरे प्रस्ताव को सही ठहराते हुए सोनू वासन ने भाविन ठक्कर से कहा कि इस मामले में वह जो भी फैसला लेना चाहे, वासन उसे प्रतिवादी को बता देंगे.’ कुलकर्णी से किए गए संपर्क के बारे में आदेश में केवल यह कहा गया है कि उनका ‘बयान एसीयू द्वारा दर्ज किया गया था’.



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