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BCCI पर होगी अब पैनी नजर… करोड़ों का बचेगा खर्चा, राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक के कितने फायदे?



राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक 2025 पिछले कई दिनों से चर्चा में है. इसके दायरे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) भी आएगा. अब यह लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पारित हो गया है. जिसके बाद पीटी उषा और ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष कल्याण चौबे काफी खुश नजर आए. दोनों ने इस विधेयक के बड़े लाभों के बारे में डिटेल में बात की. कल्याण चौबे ने समझाया कि आखिर कैसे इससे करोड़ों का खर्चा बचेगा.
क्या बोले कल्याण चौबे?
कल्याण चौबे ने आईएएनएस से कहा, ‘स्पोर्ट्स गर्वनेंस एक्ट भारतीय खेल जगत के लिए बेहद जरूरी है. हमारे देश में हर स्पोर्ट्स ऑर्गेनाइजेशन में सैंकडों केस लगे हुए हैं. मुकदमेबाजी में करोड़ों खर्च होते हैं, मुझे लगता है कि इससे वह पैसा बचेगा और उसे खेल में लगाकर इसे बढ़ावा दिया जा सकता है. मुझे लगता है कि भविष्य में इसका लाभ भारतीय खेल जगत को मिलेगा. ओलंपिक और एशियन गेम्स में भी क्रिकेट को जोड़ा गया है. दुनियाभर में क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ रही है. भारत विश्व में इस खेल का नेतृत्व कर रहा है. मुझे लगता है कि इसमें बीसीसीआई का भी शामिल होना खेल और क्रिकेट के लिए अच्छी बात है.’
पीटी उषा ने भी जाहिर की खुशी
पीटी उषा ने इस मौके पर कहा, ‘आज का दिन बेहद व्यक्तिगत और राष्ट्रीय महत्व का है. मुझे इस पल का लंबे समय से इंतज़ार था. मैं आपको 1984 में वापस ले चलती हूं मैं 20 साल की थी जब मैं लॉस एंजिल्स में ओलंपिक पदक जीतने से चूक गई थी. उस दिन मेरा दिल टूट गया था, हमारे दिलों में जो सपने थे उन्हें पूरा करने के लिए कोई व्यापक खेल कानून नहीं था. तब से चार दशक बीत गए, स्थिर यथास्थिति को दूर करने के लिए कुछ नहीं किया गया. आज उम्मीदें कार्रवाई और कानून में बदल गई हैं. यह एक आगामी दौर के लिए और लंबे समय से प्रतीक्षित विधेयक है.’
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एथलीट्स का बदल जाएगा जीवन- पीटी उषा
उन्होंने आगे कहा, ‘यह विधेयक पारदर्शिता, जवाबदेही और लैंगिक समानता लाएगा. यह एथलीटों को सशक्त बनाएगा और प्रायोजकों और संघों के बीच विश्वास पैदा करेगा. यह न्याय और निष्पक्षता के बारे में है. यह कानून ऐसे समय में आया है जब भारत बड़ा सपना देख रहा है, 2036 ओलंपिक की मेजबानी करके वैश्विक खेल बिरादरी में अपनी सही हिस्सेदारी का सपना देख रहा है. भारत के लिए, यह केवल एक विधेयक नहीं है, यह कार्रवाई का एक स्पष्ट आह्वान है. मिट्टी के ट्रैक पर नंगे पैर दौड़ने वाले व्यक्ति के रूप में मैं कह सकती हूं कि यह विधेयक जीवन बदल देगा.’



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