कृष्ण गोपाल द्विवेदी
बस्ती. उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में धान क्रय केंद्र एक नवंबर से खोल दिए गए हैं, लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी यहां के सभी क्रय केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. किसान अपने धान का सैंपल लेकर आ रहे हैं, लेकिन जैसे ही वो नए नियम से अवगत होते हैं निराश होकर वापस लौट जा रहे हैं. सरकारी क्रय केंद्रों पर धान न बेच पाने की स्थिति में किसानों को मजबूरी में निजी व्यापारियों को औने-पौने दाम में अपना फसल बेचना पड़ रहा है.
पहले बेमौसम बारिश और बाढ़ की वजह से किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. उनके फसल खेत में सड़ गए थे. अब किसी तरह से जाकर फसल तैयार हुआ है तो उसको बेचने के लिए किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. नए नियमों के अंतर्गत अब वही किसान अपने धान के फसल को बेच पाएंगे जिसके पास धान के बीज की खरीद का सर्टिफिकेट होगा. इससे पहले इस तरह का कोई भी नियम नहीं था. लिहाजा किसानों ने बीज खरीद का सर्टिफिकेट रखना महत्वपूर्ण नहीं समझा, लेकिन अब बिना बीज खरीद के सर्टिफिकेट के उनका धान क्रय केंद्र संचालक नहीं ले रहे हैं.
बिना सर्टिफिकेट के नहीं ले रहे धान
केंद्र साऊघाट मंडी यार्ड में अपने धान का सैंपल लेकर आए किसान वाल्मिकी शुक्ला ने बताया कि उनका धान खेत से कट कर घर के बाहर रखा हुआ है. इस फसल को रोज ओस और पानी से बचाना पड़ रहा है. प्रतिदिन उसकी रखवाली के साथ-साथ उसको धूप में सुखाना पड़ रहा है जिससे अन्य कोई कार्य नहीं हो पा रहा है. केंद्र वाले बीज खरीद सर्टिफिकेट के बिना धान लेने से मना कर रहे हैं. अब कहां से लाएं हम लोग बीज खरीद का सर्टिफिकेट क्योंकि हमने धान के बीज को अपने एक परिचित से लिया था.
बीज नहीं खरीदने वाले किसानों को भी समस्या
सैंपल लेकर केंद्र पर आए किसान राम अनुज चौहान ने बताया कि उन्होंने अपने घर से धान की बीज लेकर खेत में डाली थी. कहीं से धान की बीज नहीं खरीदी थी, लेकिन अब कहां से बीज खरीद का सर्टिफिकेट दूं. क्योंकि केंद्र वाले बिना बीज खरीद के सर्टिफिकेट के धान नहीं ले रहे हैं. अब हमें मजबूर होकर अपने फसल को कम दाम में प्राइवेट आढ़तियों को बेचना पड़ेगा. वहीं, किसान उमेश सिंह ने बताया कि बेमौसम बारिश की वजह से खेतों में काफी पानी भरा था जिससे धान नहीं कट पा रहे थे. अब धीरे-धीरे पानी सूख रहा है तो हम लोग अपना धान बेचने के लिए फसल केन्द्र पर ला रहे हैं.
कैसे होनी है धान की खरीद
किसानों को धान बेचने के लिए ऑनलाइन किसान पंजीयन की सत्यापित प्रतिलिपि, किसान के नाम से हाइब्रिड बीज की खरीद बिल, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खतौनी, मोबाइल नंबर के साथ केन्द्र पर आना होगा. तभी किसानों के हाइब्रिड धान को 2,040 रुपए प्रति क्विंटल और ग्रेड ए के धान को 2,060 रुपए प्रति क्विंटल में केंद्र खरीदेगा. धान खरीद के 48 घंटे के अंदर किसानों के खाते में पीएफएम के माध्यम से पैसा पहुंच जाएगा. सरकार के इस नए गाइडलाइन से किसान परेशान और हताश हैं.
किसानों की एक और बड़ी समस्या
बस्ती जिले में 70 से 75 प्रतिशत किसान हाइब्रिड धान की खेती करते हैं, लेकिन सरकार मात्र 35 प्रतिशत ही हाइब्रिड धान खरीदती है. लिहाजा ज्यादातर किसानों का धान नहीं बिक पाता है. इसके कारण किसानों का काफी नुकसान होता है.
एसएमआई संजय जायसवाल ने बताया कि बीज खरीद सर्टिफिकेट सरकार का नया नियम है. सारा प्रोसेस ऑनलाइन है. धान खरीद सर्टिफिकेट के बिना ऑनलाइन प्रोसेस कंपलीट नहीं होगा. किसानों के एकाउंट में उनके फसल का पैसा भी नहीं जा पाएगा.
तीन केंद्रों पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त
बस्ती की जिलाधिकारी (डीएम) प्रियंका निरंजन ने बताया कि धान खरीद के लिए जनपद में 127 केन्द्र बनाए गए हैं. विभिन्न मिलों से इनका संबद्धिकरण भी किया गया है. तीन-तीन केंद्रों पर एक-एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं. किसानों को धान बेचने में कोई समस्या न हो इसकी भी निगरानी की जाएगी.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Agriculture, Basti news, Rice, Up news in hindiFIRST PUBLISHED : November 11, 2022, 19:40 IST
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