Basmati farming tips : ऐसे उगाई जाती है बासमती, बंपर पैदावार के लिए अपनाएं ये तरीका

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Last Updated:July 14, 2025, 05:01 ISTBasmati farming tips : धान की रोपाई लगभग हो चुकी है. अब किसानों का सारा फोकस देखभाल पर है. बासमती धान की खेती करने वाले किसान कुछ बातों को अपनाकर अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं. रायबरेली. बासमती धान का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. बासमती धान से तैयार होने वाला चावल खाने में स्वादिष्ट और देखने में सुंदर होता है. हमारे देश में बड़े पैमाने पर किसान बासमती धान की खेती करते हैं. इसका चावल विदेशों में भी निर्यात किया जाता है, जिससे किसानों को मोटा मुनाफा मिलता है. बासमती धान की खेती करने से पहले कुछ बातें जाननी जरूरी हैं. आइये कृषि विशेषज्ञ से जानते हैं कि बासमती धान की खेती करने वाले किसान किन बातों को अपनाकर अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं.

कृषि के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली जिले के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी शिव शंकर वर्मा (बीएससी एजी, राम मनोहर लोहिया, अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद) लोकल 18 से बताते हैं कि बासमती धान की खेती करने वाले किसान कुछ खास टिप्स अपनाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. धान की रोपाई हो चुकी है. अब किसान धान की फसल से अच्छी उपज लेने के लिए उसमें उचित समय पर उर्वरक और सिंचाई के साथ खरपतवार प्रबंधन का विशेष ध्यान रखें. इससे फसल को समय पर सभी पोषक तत्व मिलेंगे. खेत में खरपतवार न होने पर पौधे का विकास अच्छा होगा.

बासमती धान से अधिक पैदावार के लिए किसान समय पर फसल में उर्वरक का छिड़काव करें. खेत में पानी बराबर बना रहे, इसके लिए सिंचाई का ध्यान रखें. रोपाई के 20 से 25 दिन बाद उर्वरक का प्रयोग करें. बासमती धान को परंपरागत प्रजातियों की तुलना में कम नाइट्रोजन की जरूरत होती है. नाइट्रोजन की कम मात्रा का प्रयोग करें. अत्यधिक लंबी प्रजातियों के लिए प्रति हेक्टेयर 70 किलोग्राम पोटाश, 100 किलोग्राम डीएपी, 25 किलोग्राम जिंक सल्फेट और नाइट्रोजन के लिए 140 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से यूरिया का यूज करें. रोपाई के समय से ही खेत में दो से तीन सेंटीमीटर जल बनाए रखें. खेत में पानी की कमी न होने दें. फसल रोपाई के 30 दिन तक खेत में पानी की उचित व्यवस्था करते रहे, जिससे फसल में खरपतवार नियंत्रित रहेगा और बाली निकलने में मदद मिलेगी.

कितनी बार करें निराई

शिव शंकर वर्मा बताते हैं कि बासमती धान की फसल की दो बार निराई करें. इससे खेत में खरपतवार नियंत्रित रहता है. यदि रोग लगने की संभावना बढ़ती है, तो कृषि विशेषज्ञ की सलाह पर उचित कीटनाशक का प्रयोग करें.Location :Rae Bareli,Uttar Pradeshhomeagricultureऐसे उगाई जाती है बासमती, बंपर पैदावार के लिए अपनाएं ये तरीका

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