उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में हुई हिंसा को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है. इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल बरेली पहुंचने वाला है, जिसका नेतृत्व सपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय करेंगे. हालांकि बरेली प्रशासन ने पहले ही बता दिया है कि किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को बरेली में एंट्री की परमिशन नहीं दी जाएगी. सपा के इस डेलिगेशन में कुल 14 सदस्य होंगे.
यह डेलिगेशन बरेली में हाल के घटनाक्रमों, विशेष रूप से सामाजिक और कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों का जायजा लेने के लिए जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक सपा नेताओं का उद्देश्य स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्या जानना है. वहीं अपने इस दौरे को लेकर माता प्रसाद पांडेय ने कहा है कि हम शांतिपूर्ण तरीके से बरेली जाकर जनता की आवाज उठाना चाहते हैं. यह हमारा लोकतांत्रिक अधिकारी है.
जुमे की नमाज के बाद हुई थी हिंसा
इससे पहले बरेली में आई लव मोहम्मद पोस्टर विवाद में जुमे की नमाज के बाद हिंसा फैल गई थी. पुलिस को भीड़ को तीतर-बीतर करने के लिए लाठी चलानी पड़ी थी, आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे. पुलिस ने इस हिंसा मामले में मौलाना तौकीर रजा के साथ-साथ कई लोगों की गिरफ्तारी की थी. हिंसा को लेकर पुलिस की जांच जारी है.
60 से अधिक लोग गिरफ्तार
पुलिस ने अभी तक 60 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की है. वहीं बरेली के बाहर से आए लोगों यानी कि इदरीस, इकबाल और ताजिम को पुलिस ने हाफ एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया है. 1700 अज्ञात लोगों पर दंगा भड़काने, पुलिस पर हमला करने जैसी धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. वहीं मौलाना के मददगारों के खिलाफ भी प्रशासन ने कार्रवाई की है.
बरेली प्रशासन ने सख्त रूख अपनाते हुए कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों में किसी भी राजनीतिक एक्टिविटी की परमिशन नहीं दी जा सकती है. इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है.