बरेली में हिंसक बवाल के बाद पुलिस ने कड़ा रुख अपनाते हुए अब तक 62 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया है. बवाल करने वालों के खिलाफ कुल 10 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जबकि शहर में शांति बहाल हो चुकी है. प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च और भारी सुरक्षा तैनाती की है, जिससे स्थिति नियंत्रण में है.
‘आई लव मुहम्मद’ विवाद से जुड़े प्रद्रशन को लेकर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हिंसक रूप ले लिया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, वाहनों में आग लगाई और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि यह घटना पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा थी. उन्होंने कहा, “यह कोई सहज घटना नहीं थी. मुख्य साजिशकर्ताओं ने व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए 1,600 से अधिक लोगों को इकट्ठा किया और पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की.”
डॉ. नफीस हिरासत में, संपत्तियां सील इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता डॉ. नफीस को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. डॉ. नफीस को संगठन में ‘अंकल ऑफ आईएमसी’ के नाम से जाना जाता है. बरेली नगर निगम और बरेली डेवलपमेंट अथॉरिटी ने उनके कार्यालय समेत 74 दुकानों को सील कर दिया है. एक वायरल वीडियो में डॉ. नफीस पर पुलिस अधिकारी को धमकी देने का आरोप लगा है, जहां उन्होंने पोस्टर हटाने पर “हाथ काटने” की बात कही थी. पुलिस ने इस मामले में भी एफआईआर दर्ज की है.
मुख्य आरोपी शाहजहांपुर से गिरफ्तार मुख्य आरोपी नदीम खान, जो आईएमसी के पूर्व अध्यक्ष और मौलाना तौकीर रजा खान के करीबी हैं, को शाहजहांपुर से गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में नदीम ने कई खुलासे किए. एसएसपी आर्य के अनुसार, नदीम ने गुरुवार रात डॉ. नफीस और लियाकत के साथ मिलकर पुलिस को आश्वासन दिया था कि कोई प्रदर्शन नहीं होगा. लेकिन जांच में पता चला कि आईएमसी के जारी पत्र में लियाकत के हस्ताक्षर नदीम ने ही जाली बनाए थे. नदीम के पास से लूटा गया पुलिस वायरलेस सेट भी बरामद हुआ, जिससे वह पुलिस की मूवमेंट की जानकारी हासिल कर रहा था. नदीम पर अतिरिक्त कार्रवाई की तैयारी है, जबकि लियाकत की तलाश जारी है.
29 उपद्रवियों को भेजा जेल सोमवार को अदालत ने 29 उपद्रवियों को जेल भेज दिया. इनमें नदीम समेत कई मुख्य आरोपी शामिल हैं. पुलिस ने बताया कि उपद्रवियों ने इस्लामिया ग्राउंड पर भीड़ जुटाई और हिंसा को भड़काया. एक आरोपी ने मीडिया के सामने हाथ जोड़कर माफी मांगी और कहा, “गलती हो गई, अब कभी नहीं दोहराएंगे.” अब तक कुल 56 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिसमें मौलाना तौकीर रजा और उनके सात सहयोगी भी शामिल हैं. तौकीर को फतेहगढ़ सेंट्रल जेल भेजा गया है.
इंटरनेट निलंबन बढ़ा, सीएम योगी की चेतावनी हिंसा के बाद बरेली में इंटरनेट सेवाएं मंगलवार (30 सितंबर) मध्यरात्रि तक निलंबित रखी गई हैं. स्टेट होम डिपार्टमेंट के आदेश पर एसएमएस, मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं बंद हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त चेतावनी दी है, “धर्म के नाम पर हिंसा फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. मौलाना ने भूल की कि सत्ता किसकी है. जो जिस भाषा में समझेगा, उसी में जवाब देंगे. न नाकाबंदी होगी, न कर्फ्यू—लेकिन कानून का पालन होगा.”
शहर में शांति, लेकिन सतर्कता बरकरार बरेली के कमिश्नर और डीआईजी ने सड़कों पर उतरकर व्यापारियों और स्थानीय लोगों से बात की. व्यापारियों ने पुलिस का फूल-माला और मिठाई से स्वागत किया. कोतवाली से कुतबखाना और आजम नगर तक फ्लैग मार्च निकाला गया. डीएम अविनाश सिंह ने कहा, “बीएनएसएस की धारा 163 के तहत बिना अनुमति कोई प्रदर्शन प्रतिबंधित है. हमने पहले ही चेतावनी दी थी, लेकिन साजिशकर्ताओं ने इसे तोड़ा. अब हर दोषी को सजा मिलेगी.”

