उत्तर प्रदेश की राजनीति में फिर से सियासत शुरू हो गई है. इस बार बारावफात के दिन शराब की दुकानों को बंद करने की मांग की गई है. AIMIM के प्रवक्ता आसिम वकार ने मांग की है कि बारावफात के दिन शराब की दुकान बंद करनी चाहिए.
आसिम वकार ने कहा, ‘जब सावन में कावड़ियों के रास्ते में गोश्त पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो मुसलमानों के पैगंबर की पैदाइश के दिन शराब की बिक्री पर प्रतिबंध होना चाहिए.’ उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी को चाहिए कि कांग्रेस शासित राज्यों में बारावफात के दिन शराब बिक्री प्रतिबंधित करवाएं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इस पर अमल करें.
यह ध्यान देने योग्य है कि सावन के महीने में कांवड़ मार्ग पर मीट की दुकानों को बंद करने का आदेश बीजेपी शासित राज्यों में जारी किया गया था, जिसको लेकर खूब बवाल मचा था. यहां तक कि मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था. एक तरफ जहां विपक्ष बीजेपी शासित राज्यों में इस फैसले के खिलाफ थी, तो वहीं सरकारों का कहना था कि नेम प्लेट लगाने से कोई सौहार्द नहीं बिगड़ने वाला है, बल्कि लोगों के धर्म का रक्षा होगा. कांवड़ियों को पता होगा कि वो जिस दुकान पर खा रहे हैं, वो किस धर्म के व्यक्ति का है. इन विवादों के बीच थूक जिहाद का मामला खूब सामने आ रहा था. कहीं जूस में थूक मिलाकर लोगों को बेचा जा रहा था तो कहीं थूक लगाकर रोटी बनाई जा रही थी. इन्हीं सब घटनाओं को ध्यान में रखते हुए नेम प्लेट लगाने का निर्देश जारी किया गया था.